भोपाल : मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग ने मानवाधिकार हनन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए जिम्मेदार अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। आयोग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आयोग ने भोपाल में बीच शहर में लगी आरा मशीनों की शििफ्टंग तीस साल बाद भी नहीं होने और क्षेत्र में तीन पेट्रोल पम्प होने के कारण अग्नि सुरक्षा के मानकों के तहत जन सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा होने के मद्देनजर संज्ञान लिया है।
आयोग ने इस सिलसिले में आयुक्त नगर निगम भोपाल से टिम्बर मर्चेण्ट के खिलाफ आवश्यक वैधानिक कार्यवाही कर उन्हें बन्द कराये जाने की कार्यवाही का प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने दमोह जिले के ग्राम कारीबरा में प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़े के तहत मजदूरों की जानकारी के बिना उनके खाते से निकाली गई मजदूरी के मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर और सीईओ जिला पंचायत दमोह से प्रतिवेदन मांगा है।
आयोग ने भोपाल की शिक्षिका सुधा तिवारी द्वारा गोद लिये छह वर्षीय बालक को गोरा करने के लिए बच्चे के शरीर को पत्थर से रगड़ने के कारण शरीर पर जख्म होने के मामले में संज्ञान लेकर प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग भोपाल से आवश्यक निर्देश/ कार्यवाही का प्रतिवेदन तलब किया है।
आयोग ने पूछा है कि क्या बच्चा गोद दिये जाने के बाद बाल कल्याण समिति द्वारा उसकी उचित देखभाल सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई थी। आयोग ने बैतूल जिला अस्पताल से रेफर एक बच्ची को भोपाल के हमीदिया अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करने के लिए पांच हजार रुपए न देने के कारण भर्ती से इंकार करने के मामले में संज्ञान लिया है। आयोग ने अस्पताल के अधीक्षक से कार्यवाही का प्रतिवेदन मांगा है।
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