भोपाल : मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों पर हुई मानवाधिकार हनन की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए जांच प्रतिवेदन तलब किया। आयोग ने भोपाल के फतेहगढ़ क्षेत्र में रहने वाले साढ़े तीन वर्ष के बच्चे फव्वाद उल्ला को आवारा कुत्तों द्वारा गम्भीर रूप से घायल कर देने की घटना पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए आयुक्त नगर निगम भोपाल से दो सप्ताह में प्रतिवेदन तलब किया है।
वहीं जबलपुर के सेठ गोविन्ददास अस्पताल (विक्टोरिया) में कार्यरत डॉ रचना शुक्ला से डियूटी के दौरान अभद्रता करने तथा आरोपियों द्वारा एसिड़ की बोतल दिखाकर धमकाने के मामले में डॉक्टर द्वारा शिकायत करने पर भी प्राथमिकी दर्ज न होने से इस्तीफा देने की स्थिति बन गई। इस मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक जबलपुर से एक सप्ताह में प्रतिवेदन तलब किया है।
आयोग ने भोपाल के सरकारी अनुसूचित जाति-जन जाति के छात्रावास की मैस बन्द होने के कारण परेशान छात्रों द्वारा संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव से शिकायत की, किन्तु कोई निराकरण न होने पर लगभग 30 छात्र भूख हडताल पर बैठ गये। मामले में आयोग ने प्रमुख सचिव, अनुसूचित जन जाति विभाग, भोपाल से एक सप्ताह में प्रतिवेदन चाहा है। आयोग ने सांची अस्पताल में मरीजों को डॉक्टरों के इंतजार में घंटों बैठे रहने के मामले में संज्ञान लिया है।
आयोग ने इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रायसेन से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है। इसके अलावा आयोग ने उज्जैन एसडीएम द्वारा निकाले गए आदेश कि दलितों को बारात से पहले देनी होगी पुलिस को सूचना के संबंध में संज्ञान लेकर कलेक्टर, उज्जैन से दो सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।
आयोग ने डिंडोरी जिले के शहपुरा थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आठ साल की दिव्यांग के साथ बलात्कार के बाद हत्या हो जाने के मामले में संज्ञान लिया है। आयोग ने भेल टाउनशिप के आवासों में रहने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भेल प्रबंधन द्वारा चिकित्सा सुविधाऐं उपलब्ध न करवाने के मामले में संज्ञान लिया है। आयोग ने इस मामले में महाप्रबन्धक, बीएचईएल भोपाल से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।
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