सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के प्रबंधक न्यासी आर. वेंकटरमणन ने एयर एशिया इंडिया मामले में उनका नाम ‘बदले की भावना’ से उछाले जाने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि विमान सेवा कंपनी में परिचालन के मामलों में उनकी भूमिका नगण्य या शून्य थी।
वेंकटरमणन ने एक बयान में कहा, ‘एयर एशिया इंडिया लिमिटेड में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने परिचालन मामलों में गलत तरीके से मुझे आरोपी बनाया है क्योंकि इन मामलों में मेरी भूमिका नगण्य या शून्य थी।’
उन्होंने कहा कि एयर एशिया मामले के मौजूदों आरोपों की शुरुआत टाटा समूह के निकाले जा चुके अध्यक्ष साइरस मिस्त्री और उसकी कंपनी शापोर पालोनजी समूह के निराधार आरोपों से हुई थी जो उन्होंने टाटा ट्रस्ट के न्यासियों और टाटा संस के खिलाफ बदले की भावना से लगाये थे।
अंतर्राष्ट्रीय उड़न शुरू करने के लिए 5/20 (पाँच साल, 20 विमान) नियमों में बदलाव संबंधी उनके ई-मेल के बारे में श्री वेंकटरमणन ने कहा कि इस नीतिगत मुद्दे पर काफी बहस हो रही थी और एयर एशिया उन अनेक विमान सेवा कंपनियों में शामिल है जो इसमें बदलाव की माँग कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार के तहत मंत्रिमंडल के फैसले पर जून 2016 में 5/20 के नियम को बदलकर शून्य/20 कर दिया गया, यानी पाँच साल तक घरेलू सेवा की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी। हालाँकि, इसकी माँग काफी समय पहले से हो रही थी।
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