गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के जाने माने नेता थे लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। कांग्रेस में मह्त्व न मिलने के बाद ही आजाद ने कांग्रेस के सफर को रोक दिया था। इसके बाद लगातार गुलाम नमी आजाद कांग्रेस को लेकर खुलासे कर रहे है। हाल ही में उन्होंने पुस्तक का विमोेचन किया इस दौरान उन्होंने कहा है कि मुसलमान होने की वजह से मैं कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं बन पाया।आजाद ने कांग्रेस के भीतर अपने किए कामों का भी खूब बखान किया। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के लिए मैं 1978 में जेल गया था।
राहुल गांधी की वजह से कांग्रेस छोड़ी थी
गुलाम नबी ने कहा कि मैंने राहुल गांधी की वजह से कांग्रेस छोड़ी है वहां लोकतांत्रिक तरीके से फैसला अब नहीं होता है। कांग्रेस में फैसला लेने में सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे का कोई रोल नहीं है। कांग्रेस पर तामाम तरह के आरोप लगाने के बाद कांग्रेस ने आजाद के बयान पर पलटवार करते हुए कहा। आजाद के बयान पर कांग्रेस ने जोरदार पलटवार किया है। राहुल गांधी ने इसे अडानी मुद्दा से भटकाने की साजिश करार दिया है।
2019 में हार के बाद गुलाम नबी ने लिखी थी चिट्ठी
कांग्रेस और आजाद के रिश्ते खरब कैसे हुए तो ये भी आपको बता दें दरअसल 2019 में हार के बाद गुलाम नबी आजाद ने 23 नेताओं के साथ मिलकर सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी। चिट्ठी में कांग्रेस के भीतर लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराए जाने की मांग की गई थी। पत्र जिस वक्त लिखा गया था। उस वक्त सोनिया गांधी बीमार थीं और अस्पताल में भर्ती थीं। उस समय राहुल ने इसकी आलोचना की थी। इसके बाद 2021 के फरवरी में गुलाम नबी आजाद राज्यसभा से रिटायर हो गए। औऱ सांसदी के साथ ही नेता प्रतिपक्ष का भी पद चला गया।
कांग्रेस ने आजाद को कश्मीर संभालने के लिए कहा था
इसी बीच कांग्रेस ने उन्हें कश्मीर में काम करने के लिए कहा था। तो आजाद ने इनकार कर दिया । शिवसेना नेता संजय राउत से बात करते हुए राहुल ने कहा था कि कांग्रेस के पास देने के लिए कुछ भी नहीं है। हमने गुलाम नबी जी को कश्मीर की कमान संभालने के लिए कहा तो उन्होंने इनकार कर दिया। और आजाद कांग्रेस से अलग हो गए।
30 साल तक कांग्रेस में महासचिव रह चुके है
आपको बता दें गुलाम नमी 30 साल तक कांग्रेस में महासचिव, केंद्र में मंत्री और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे है लेकिन उनका चुनावी रिजल्ट अच्छा नहीं रहा है। कांग्रेस में रहते आजाद ने जिन राज्यों के लिए काम किया, वहां कांग्रेस साफ हो गई।