नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है, सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारी को फटकार लगाते हुए राहत देने से इंकार कर दिया है। दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रितु माहेश्वरी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था, क्योंकि वह अवमानना मामले में अदालत के सामने पेश नहीं हुई थीं। इस गैर-जमानती वारंट को चुनौती देने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अंतरिम राहत की मांग की थी। जिस पर कोर्ट ने कहा कि आपने हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया तो नतीजा भुगतना ही पड़ेगा।
रितु माहेश्वरी को SC से लगा बड़ा झटका
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि आप आईएएस अधिकारी हैं और सभी नियमों को जानती हैं। सीजेआई एनवी रमना ने नारजगी जताते हुए कहा कि आए दिन अधिकारीयों दौरा हाई कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया जाता है। निर्देशों का पालन ना करना दिनचर्या में शामिल हो गया है? हर रोज कोई ना कोई अधिकारी कोर्ट आ जाता है, यह सब क्या हो रहा है?
दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आईएएस रितु माहेश्वरी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था, क्योंकि वह भूमि अधिग्रहण से जुड़े अदालती अवमानना मामले में अदालत के सामने पेश नहीं हुई थीं। हाई कोर्ट ने गुरुवार को मनोरमा कुच्छल और एक अन्य व्यक्ति द्वारा दायर अवमानना याचिका में आदेश पारित किया, जिनकी भूमि 1990 में न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) द्वारा अधिग्रहित की गई थी, लेकिन उन्हें अभी तक उचित मुआवजा नहीं दिया गया था।
जानें क्या है पूरा मामला
अदालत ने 28 अप्रैल को इस मामले को 4 मई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था और माहेश्वरी को उपस्थित रहने का निर्देश दिया था। लेकिन समन के बावजूद वह मौजूद नहीं थी। सीईओ रितु माहेश्वरी को दो बार कोर्ट में बुलाया लेकिन वह नहीं पहुंच पाईं, शुक्रवार को नोएडा प्राधिकरण की सीईओ माहेश्वरी के वकील रविंद्र श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया था कि वह 10:30 बजे उड़ान भरेंगी, इस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें 10:00 बजे कोर्ट में हाजिर होना था और वह जानकर दिल्ली से 10:30 बजे की फ्लाइट ले रही हैं। यह कोर्ट की अवमानना है इसके बाद हाई कोर्ट ने रितु माहेश्वरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए पुलिस कस्टडी में अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया।