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ICAR ने मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित की: कृषि मंत्री

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि देश के प्रमुख कृषि-अनुसंधान निकाय आईसीएआर ने मखाना की मांग में वृद्धि के बीच इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक तकनीक विकसित की है। तोमर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों के दौरान विभिन्न खाद्य सामग्रियों में मखाना का उपयोग भी बढ़ रहा है।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने फसल प्रणाली प्रारूप में मखाने की खेती के लिए प्रौद्योगिकी विकसित की है और उत्पादकता में सुधार के लिए जल अधिशेष पारिस्थितिकी के लिए मखाना आधारित एकीकृत कृषि प्रणाली विकसित की गई है।उन्होंने कहा कि वर्तमान में, मखाना की व्यावसायिक खेती मुख्य रूप से बिहार तक ही सीमित है। वर्ष 2020-21 के दौरान इसका उत्पादन 56,194.59 टन रहा तथा उत्पादन का राज्य-वार आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।

मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार ने भी एक राज्य प्रायोजित योजना - मखाना विकास योजना तैयार की है, जो राज्य में मखाना के समग्र विकास के लिए, विशेष रूप से उत्पादन बढ़ाने पर जोर देती है।इसके अलावा, बिहार में राज्य बागवानी उत्पाद विकास योजना के माध्यम से मखाना उत्पादकों का समर्थन किया जाता है। उन्होंने कहा कि स्वर्ण वैदेही और सबौर मखाना-वन जैसी अधिक उपज वाली किस्मों के कारण उत्पादकता 16 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 28 टन प्रति हेक्टेयर हो गई है।