भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मंलवार को अगले दो दिन तक रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। दरअसल, राजस्थान सरकार ने इस टेस्ट के नतीजे को सटीक नहीं बताया है। सरकार के मुताबिक यह टेस्ट किट जांच में कारगर साबित नहीं हो पा रहा है।
आईसीएमआर के आर. गंगाखेड़कर ने कहा, हमने राज्यों से अगले दो दिनों के लिए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट का उपयोग नहीं करने की सलाह दी। किट से की गई जांच के आंकड़ों में विविधताएं सामने आ रही है, जिसके चलते ऑन ग्राउंड टीमों द्वारा किट परीक्षण के बाद 2 दिनों में एडवाइजरी जारी की जाएगी।”
राजस्थान पहला राज्य है जिसने कोरोना वायरस की रेपिड किट से जांच शुरू की। लेकिन फिलहाल राज्य सरकार ने रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट के इस्तेमाल को रोक दिया है। चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने आज मीडिया को बताया कि कोरोना की जांच रेपिड किट से शुरू की थी और जांच में यह किट कितने खरे उतरते हैं, इसके लिए विभाग ने एक समिति बनाई।
उन्होंने बताया कि समिति ने रिपोर्ट दी है कि यह जांच में कारगर साबित नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि आशा थी कि रेपिड किट जांच में 90 प्रतिशत सही साबित होगा लेकिन यह केवल 5.4 प्रतिशत ही सही पाया गया जो नहीं के बराबर है। समिति के डाक्टरों ने सलाह दी है कि इस किट से कोरोना वायरस की जांच का कोई फायदा नहीं है।
उन्होंने बताया कि आईसीएमआर को पत्र लिखा गया है और इंतजार किया जा रहा है कि आईसीएमआर कहेगा तो रेपिड किट से जांच नहीं कराकर इन्हें वापस भिजवा दिए जायेंगे।