कोरोना नियमों का पालन हो तो तीसरी लहर पर पाया जा सकता है काबू : स्वास्थ्य मंत्रालय - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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कोरोना नियमों का पालन हो तो तीसरी लहर पर पाया जा सकता है काबू : स्वास्थ्य मंत्रालय

देशभर में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने पिछले दिनों काफी तबाही मचाई। जिसके चलते तेजी से संक्रमितों और मृतकों के आंकड़ों में भारी बढ़ोतरी हुई थी। इसको लेकर अब सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारी कर रही है।

देशभर में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने पिछले दिनों काफी तबाही मचाई। जिसके चलते तेजी से संक्रमितों और मृतकों के आंकड़ों में भारी बढ़ोतरी हुई थी। इसको लेकर अब सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारी कर रही है।
इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि यदि प्रभावी रोकथाम रणनीतियों और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन किया जाता है तो तीसरी लहर में मामलों की संख्या उस हद तक नहीं होगी कि स्वास्थ्य प्रणाली दबाव में आ जाए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि अभी तक भारत की 2.2 प्रतिशत आबादी इस बीमारी से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें अभी भी जोखिम वाली या अतिसंवेदनशील 97 प्रतिशत आबादी की रक्षा करने के लिए सावधान बनानी चाहिए। हम अपने सुरक्षा उपायों को कम नहीं कर सकते, इसलिए रोकथाम पर निरंतर ध्यान महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम रोकथाम और कोविड के उचित व्यवहार का पालन करते हैं, तो तीसरी लहर भले ही आती है, मामलों की संख्या उतनी नहीं होगी कि स्वास्थ्य प्रणाली दबाव में आ जाए।’’ अग्रवाल ने कहा कि कोविड रोधी टीकाकरण कार्यक्रम में एक चुनौती जिसका सामना करना पड़ रहा है, वह है टीकाकरण को लेकर हिचकिचाहट।
अग्रवाल ने कहा कि कई लाभार्थी, विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में, कोविड-19 टीके के बारे में सोशल मीडिया पर साझा किये जाने वाले मिथकों, अफवाहों, गलत सूचनाओं और दुष्प्रचार के कारण टीका नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मिथकों का तोड़ना जरूरी है, लेकिन समुदायों को वायरस संचरण श्रृंखला को तोड़ने में कोविड के उचित व्यवहार की भूमिका के बारे में याद दिलाना भी महत्वपूर्ण है।’’
वरिष्ठ अधिकारी यूनिसेफ द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ साझेदारी में टीके और टीकाकरण के बारे में मिथकों को दूर करने और कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) के महत्व को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर आयोजित एक मीडिया कार्यशाला में बोल रहे थे।
‘कॉकटेल वैक्सीन’ की प्रभावशीलता या विभिन्न टीके की खुराक के मिश्रण को लेकर एक सवाल के जवाब में, मंत्रालय की वरिष्ठ अधिकारी वीणा धवन ने कहा कि उपलब्ध सबूतों के अनुसार टीके अंतः परिवर्तनीय नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस विषय पर एक पूर्ण विश्लेषण किया जाना बाकी है। कॉकटेल टीकाकरण नहीं किया जाना है और हमें एक ही टीके की खुराकें लेनी चाहिए।’’
टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव पर धवन ने कहा कि टीकाकरण के बाद पहले 30 मिनट महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए लोगों को निगरानी में रखा जाता है। गंभीर या गंभीर दुष्प्रभाव ज्यादातर पहले 30 मिनट में देखे जाते हैं।’’ इस सवाल पर कि टीके कितने समय तक प्रभावी रहेंगे, अग्रवाल ने कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि टीके 6-9 महीने तक सुरक्षा देंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर साक्ष्य के लिहाज से जरूरी हुआ तो एक बूस्टर खुराक दी जा सकती है।’’ धवन ने कहा कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड-19 टीकों की सिफारिश की है।
उन्होंने कहा, ‘‘गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की सिफारिश एनटीएजीआई ने की है और अन्य देशों में भी यह चल रहा है। हम जल्द ही इसके लिए दिशानिर्देश लेकर आएंगे।’’ घर-घर टीकाकरण पर अधिकारी ने कहा कि कुछ बाधाओं पर विचार किया जाना है, जिसके कारण इसे अभी तक शुरू नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक शीशी का उपयोग चार घंटे के भीतर किया जाना है और यह मुश्किल हो सकता है। लाभार्थियों की निगरानी में भी दिक्कत होगी, इसलिए, घर-घर टीकाकरण अभी तक शुरू नहीं किया गया है लेकिन घर के पास टीकाकरण की सुविधा शुरू की गई है।’’

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