कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर उम्मीदवार अपने पत्ते खोल चुके हैं, लेकिन बताया जा रहा हैं की शशि थरूर व अशोक गहलोत के अलावा कोई भी व्यक्ति खुलकर सामने नहीं आ रहा है। लेकिन सबसे बड़ा पेंच कांग्रेस के लिए शशि थरूर को लेकर फंसा हैं क्योंकि थरूर कांग्रेस में G-23 के सक्रिय सदस्य रहे है। अगर थरूर को कांग्रेस में कोई सम्मान नहीं मिलता हैं तो कांग्रेस को दक्षिण में बहुत बड़ा नुकसान हो सकता हैं। इसीलिए पार्टी थरूर कोे किसी भी कीमत पर नाराज करने के मूड़ में नहीं हैं, बताया जा रहा हैं चुनाव के बाद थरूर के लिए पहले से ही पुख्ता प्लान कर लिया गया है। ताकि थरूर कोई भी असहजता महसूस ना हो। खबर है कि अगर तिरुवनंतपुरम सांसद को पार्टी कांग्रेस वर्किंग कमेटी में जगह दे सकती है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसे लेकर अभी तक कुछ नहीं कहा गया है।
बागी ग्रुप में रहकर गांधी परिवार के करीबी रही थरूर
शशि थरूर कांग्रेस के बागी ग्रुप में रहकर भी हाईकमान से दूर नहीं रहे, क्योंकि सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद शशि थरूर ने पार्टी व गांधी परिवार के साथ ही रहना सुनिश्चित किया हैं। गांधी परिवार पार्टी की बागडोर देने के बाद भी वैसी ही स्थिति में बना रहेगा, इसलिए गांधी परिवार थरूर को खुश करने के लिए किसी ऐसी कमेटी का सदस्य बना सकती हैं जो पार्टी में पावर हाईकमान की तरह ही रखती हो।
सचिन पायलट पर संशय बरकरार ! गहलोत ने सीपी जोशी का नाम सुझाया
अगर सीएम गहलोत पार्टी अध्यक्ष का चुनाव जीत जाते हैं तो उन्हें राज्य की कुर्सी को छोड़ना पड़ सकता हैं, लेकिन राजस्थान की कुर्सी पर कौन बैठेगा इस पर संशय बरकरार हैं ! सचिन पायलट समर्थक स्थिति को देखकर सक्रिय दिख रहे हैं, लेकिन सीएम अशोेक गहलोत राज्य की कुर्सी सचिन पायलट को नहीं सौंपना चाहते हैं , उन्होनें सचिन से अलग स्पीकर सीपी जोशी का नाम सुझाया हैं। लेकिन राजस्थान में अगले साल चुनाव भी हैं जिसको लेकर हाईकमान सचिन पायलट को नाराज भी नहीं करना चाहती हैं,इसलिए राहुल गांधी ने अशोक गहलोत को एक व्यक्ति एक पद का संकल्प का याद दिलाया था। इसलिए राहुल के कहने पर अशोक गहलोत ने अध्यक्ष बनने के बाद सीएम पद से इस्तीफा देना मंजूर किया हैं ।
अगर सीएम गहलोत पार्टी अध्यक्ष का चुनाव जीत जाते हैं तो उन्हें राज्य की कुर्सी को छोड़ना पड़ सकता हैं, लेकिन राजस्थान की कुर्सी पर कौन बैठेगा इस पर संशय बरकरार हैं ! सचिन पायलट समर्थक स्थिति को देखकर सक्रिय दिख रहे हैं, लेकिन सीएम अशोेक गहलोत राज्य की कुर्सी सचिन पायलट को नहीं सौंपना चाहते हैं , उन्होनें सचिन से अलग स्पीकर सीपी जोशी का नाम सुझाया हैं। लेकिन राजस्थान में अगले साल चुनाव भी हैं जिसको लेकर हाईकमान सचिन पायलट को नाराज भी नहीं करना चाहती हैं,इसलिए राहुल गांधी ने अशोक गहलोत को एक व्यक्ति एक पद का संकल्प का याद दिलाया था। इसलिए राहुल के कहने पर अशोक गहलोत ने अध्यक्ष बनने के बाद सीएम पद से इस्तीफा देना मंजूर किया हैं ।