पर्यावरण को बचाने की आवश्यकता पर बल देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि वृक्षों को तभी काटना चाहिए जब किसी परियोजना विकास अटक जाए। गडकरी ने कहा कि अगर कोई एक वृक्ष काटता है तो उसे 10 पौधे लगाने चाहिए। उनकी यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई जब पर्यावरणविद मुंबई के आरे उपनगर इलाके में मेट्रो का कार शेड बनाने के लिए 2,600 से अधिक वृक्षों को काटने का विरोध कर रहे हैं।
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कई बॉलीवुड हस्तियां और राजनीतिक नेताओं ने यहां हरित पट्टी से बड़ी संख्या में वृक्षों को काटने के लोगों के विरोध को अपना समर्थन दिया है। गडकरी ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि हमें पर्यावरण का संरक्षण करना चाहिए और पेड़ों को तभी काटना चाहिए जब किसी परियोजना का विकास अटक जाए।’’ आरे में पेड़ों के काटे जाने के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ सरकार ने पौधारोपण को प्राथमिकता दी है।
महाराष्ट्र ने एक निधि से 12,000 से 13,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ महाराष्ट्र में हरा क्षेत्र बढ़ा है। पेड़ काटने की बात इसलिए की जा रही है क्योंकि कोई अन्य विकल्प नहीं है।’’ गडकरी ने कहा कि परियोजना की पूंजी लागत अहम होती है और परियोजना का विरोध कर ऐसा नहीं करें जिसकी कीमत मुंबई के निवासियों को चुकानी पड़े। दरअसल, बांद्रा वर्ली सीलिंक की पूंजीगत लागत शुरू में 420 करोड़ रुपये थी जो विरोध की वजह से बढ़कर 1,800 करोड़ रुपये हो गई थी।