सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय सरकार को बुधवार को निर्देश दिया कि वह अवैध कोयला खनन पर रोक लगाने में असफल रहने के एवज में राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा लगाया गया 100 करोड़ रुपये का जुर्माना केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जमा कराए।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति के. एम. जोसफ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह अवैध रूप से निकाया गया कोयला ‘कोल इंडिया लिमिटेड’ (सीआईएल) को सौंपे। सीआईएल इस कोयले को नीलाम कर उससे प्राप्त राशि राज्य सरकार को देगी।
पीठ ने राज्य में निजी एवं सामुदायिक जमीनों में खनन की भी अनुमति दी है, लेकिन यह संबंधित अधिकारियों से स्वीकृति मिलने के बाद ही की जा सकेगी। राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने चार जनवरी को मेघालय सरकार पर जुर्माना लगाया था।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने स्वीकार किया था कि प्रदेश में बड़ी संख्या में अवैध खनन हो रहा है। गौरतलब है कि पिछले साल 13 दिसंबर को राज्य के पूर्वी जयंतियां पहाड़ी जिले में एक अवैध खदान में 15 खनिक फंस गए थे। उनमें से अभी तक सिर्फ दो शव बरामद हो सके हैं।