कोविड-19 की जारी लहर के कारण पांच चुनावी राज्यों में रैलियों पर निर्वाचन आयोग द्वारा आठ जनवरी से लागू प्रतिबंध के चलते चार्टर उड़ान सेवाओं के परिचालकों का कारोबार प्रभावित हुआ है। परिचालकों ने कहा कि इस समय प्रति माह 350-400 उड़ान घंटों में से केवल 10-15 प्रतिशत चुनाव से संबंधित यात्राएं हैं। क्लब वन एयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजन मेहरा ने कहा, “चुनाव संबंधी यात्रा ने रफ्तार नहीं पकड़ी है।
यह शुरू में, दिसंबर के मध्य के आसपास शुरू हुई थी, लेकिन फिर निर्वाचन आयोग ने रैलियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की जिससे अधिकांश (चुनाव संबंधी) यात्रा पूरी तरह से बंद हो गई।” कतर एयरवेज के पूर्व भारत प्रमुख मेहरा ने कहा कि चुनाव संबंधी यात्रा बहुत सीमित है।
जेटसेटगो एविएशन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं संस्थापक कनिका टेकरीवाल ने कहा कि कोविड-19 के कारण रैलियों पर प्रतिबंध होने के कारण कंपनी से पिछले साल की तुलना में इस साल चुनाव से संबंधित यात्रा के लिए केवल 70 प्रतिशत पूछताछ की गई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कोई भी पूछताछ असल में अब तक वास्तविक उड़ान का रूप नहीं ले पाई है और इसके यात्रा में तब्दील होने की प्रक्रिया जारी है। टेकरीवाल ने कहा, “भौतिक रैलियों पर प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है, इसलिए इस वक्त रैलियों के लिए हम ज्यादा उड़ानें चुनावी यात्रा के लिए बुक होते नहीं देख रहे हैं।”
जेटसेटगो एविएशन और क्लब वन कंपनी एयर क्रमश: 18 और 10 चार्टर उड़ानों का परिचालन करती हैं। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में आठ जनवरी को चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए निर्वाचन आयोग ने 15 जनवरी तक भौतिक रैलियों, रोड शो और बाइक रैलियों तथा इसी तरह के प्रचार कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। आयोग ने 15 जनवरी को प्रतिबंध को 22 जनवरी तक बढ़ा दिया था। शनिवार को इसे बढ़ाकर 31 जनवरी कर दिया गया। मेहरा ने कहा कि भले ही चार्टर कंपनियों के लिए चुनाव संबंधित यात्रा ने रफ्तार नहीं पकड़ी है लेकिन विमानन कारोबार (चार्टर उड़ान परिचालन) के लिए कुल मिलाकर स्थिति अच्छी रही है।