चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग को लेकर कांग्रेस बेहद गंभीर है। कांग्रेस राज्यसभा में इस प्रस्ताव को मंजूरी न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है। सोमवार को कांग्रेस सभापति के साथ महाभियोग याचिका दायर करने पर अंतिम फैसला लेगी। कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों के सासंदों द्वारा हस्ताक्षरित दस्तावेज तैयार कर लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्र के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने में जुटे कांग्रेस और विपक्ष के कई नेताओं को BCI के इस फैसले से झटका लगा है। BCI के चेयरमैन मनन कुमार मिश्र ने कहा, अधिवक्ताओं की सबसे बड़ी संस्था ने ये फैसले ताकत का दुरुपयोग रोकने और अधिवक्ता के विशेषाधिकार की रक्षा को लिए हैं। ये फैसले किसी सांसद के लिए नहीं लिए गए हैं। इससे पहले BCI की आमसभा ने इन फैसलों से जु़ड़े मुद्दों पर विचार किया।
उप समिति की रिपोर्ट पर गौर किया जिसमें सांसदों और विधायकों को वकालत का अधिकार देने की सिफारिश की गई थी। इस रिपोर्ट को आमसभा ने स्वीकार कर लिया। लेकिन शर्त जोड़ दी कि जैसे ही सांसद या विधायक महाभियोग की प्रक्रिया से जुड़ेंगे, वे उच्च अदालतों की न्यायिक प्रक्रिया में शामिल होने से वंचित हो जाएंगे।
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