पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के ‘नरेंद्र मोदी प्रेम’ पर सवाल खड़ा करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर सचमुच ऐसा है तो वह (इमरान) सुनिश्चित करें कि पाकिस्तान की धरती पर वह न तो आतंकवाद पैदा होने देंगे, न पनपने देंगे और न ही पलने देंगे। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान अपनी धरती पर पनप रहे आतंकवाद को खत्म करने के लिए गंभीरता दिखाता है तो भारत इस बुराई से निपटने में उसे हरसंभव सहायता देगा।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण से पहले, दस अप्रैल को इस्लामाबाद में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कथित तौर पर कहा था कि अगर चुनाव में भाजपा और नरेंद्र मोदी दोबारा जीतते हैं तो यह भारत-पाकिस्तान के बीच शांति के लिए बहुत ही अच्छा होगा। भारत में चुनावी माहौल में इस बयान ने विपक्षी दलों को मौका दे दिया और उन्होंने प्रधानमंत्री को घेरने का प्रयास करते हुए इमरान खान के ‘‘मोदी प्रेम’’ का मुद्दा उठाया।
यह पूछे जाने पर कि क्या इमरान का बयान यह जाहिर करता है कि वह भारतीय प्रधानमंत्री के प्रशंसक हैं, राजनाथ सिंह ने कहा, “इसका जवाब तो वे (इमरान) ही दे सकते हैं।” सिंह ने कहा, “मोदी से उन्हें (इमरान खान को) प्रेम है तो उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह पाकिस्तान की धरती पर आतंकवाद को न पैदा होने देंगे, न पनपने देंगे, न पलने देंगे बल्कि जड़ से इसका सफाया करेंगे।”
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को यह घोषणा करनी चाहिए कि वह अपनी धरती से आतंकवाद का पूरी तरह सफाया कर देगा और जरूरत पड़ने पर भारत से मदद ली जा सकती है। अगर पाकिस्तान से यह बयान आता है तब हम मानेंगे कि इमरान मोदी के प्रशंसक हैं और भारत के साथ संबंध सामान्य करना चाहते हैं।” यह पूछे जाने पर कि क्या भारत पाकिस्तान की मदद करना चाहेगा, गृह मंत्री ने कहा,”भारत पूरे दिल से ऐसे कदम का समर्थन करेगा ।”
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मोदी सरकार की पाकिस्तान नीति पर विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने के बारे में पूछने पर गृह मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें आमंत्रित किया और प्रोटोकॉल तोड़कर वहां जाकर एक अच्छी पहल की। पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी और एक प्रयास किया गया ।”
यह पूछे जाने पर कि क्या राजग की सत्ता में पुन:वापसी होने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को इसी तरह फिर से आमंत्रित किया जाएगा, राजनाथ सिंह ने कहा, “अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि किसे बुलाया जाएगा और किसे नहीं।” उन्होंने कांग्रेस नीत संप्रग सरकार की पाकिस्तान नीति को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा,”2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ इस बयान के लिए सहमत थे कि पाकिस्तान अपनी धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होने देगा। लेकिन एक साल बाद, कांग्रेस के शासनकाल में दिल्ली से यह बयान दिया गया कि भारत ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान भी आतंकवाद से पीड़ित है।” सिंह ने कहा, यह बहुत बड़ी भूल थी।
भोपाल से साध्वी प्रज्ञा को टिकट दिये जाने के औचित्य एवं हेमंत करकरे संबंधी बयान पर गृह मंत्री ने कहा, “चुनाव आयोग ने कहा है कि वह चुनाव लड़ सकती हैं। उन्हें निचली अदालत ने भी दोषी नहीं ठहराया है। जहां तक उनके बयान का सवाल है, उन्होंने माफी मांग ली है।”
राजनाथ के अनुसार, विडंबना यह है कि कांग्रेस ने आतंकवाद को धर्म के साथ जोड़कर और हिन्दू आतंकवाद की नई थ्योरी देकर इस बुराई के खिलाफ लड़ाई को कमजोर किया है। “आतंकवाद, आतंकवाद होता है । इसकी जाति, इसका धर्म, मजहब नहीं होता । आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साथ लेने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने इस लड़ाई को ही कमजोर कर दिया।”
चुनाव में राष्ट्रवाद को मुख्य मुद्दा बनाये जाने संबंधी सवाल पर गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्रवाद हमारे लिये चुनावी मुद्दा नहीं बल्कि हमारी प्राथमिकता है । लेकिन सेना के जवानों के शौर्य और पराक्रम की प्रशंसा करना क्या अपराध है ? केवल चुनाव के दौरान ही नहीं, हमने पहले भी उनका शौर्यगान किया है । भाजपा नेता ने इस बात से इंकार किया कि उनकी पार्टी ने किसी की राष्ट्रभक्ति पर सवाल उठाया है ।
उन्होंने साथ ही कहा कि सेना के पराक्रम पर लोगों को गर्व की अनुभूति होनी चाहिए। कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों का परोक्ष संदर्भ देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा ‘‘ये लोग परेशान क्यों थे ? बालाकोट के बाद आतंकियों की संख्या के बारे में क्यों पूछने लगे ?’’ उन्होंने साथ ही कहा कि इटली के एक पत्रकार ने बालाकोट एयर स्ट्राइक में 170 आतंकियों के मारे जाने का जिक्र किया है।
उन्होंने कहा कि (मारे गए आतंकियों की) संख्या उसी दिन मिल गई थी लेकिन वह इसका खुलासा नहीं करेंगे। राजनाथ सिंह ने कहा, “ऑपरेशन :बालाकोट एयर स्ट्राइक: विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर हुआ। भारत के साथ साथ शायद दुनिया में भी आतंकवाद के खिलाफ इतना बड़ा ऑपरेशन पहले नहीं हुआ।”
गृह मंत्री ने पुलवामा आतंकी हमले को खुफिया विफलता मानने से इंकार करते हुए कहा कि इसकी जांच चल रही है। नोटबंदी, जीएसटी और कालाधन के बारे में उन्होंने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी को लोगों ने स्वीकार कर लिया है। कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। बेनामी सम्पत्ति कानून बनाया गया। प्रत्यक्ष नकद अंतरण की व्यवस्था के कारण करीब 1.10 लाख करोड़ रूपये की बचत हुई है ।