नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान अधिकतर विपक्षी दलों के नेताओं ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री को लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने का सुझाव दिया है हालाँकि प्रधानमंत्री इस विषय पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अपने सहयोगियों के साथ चर्चा करने के बाद ही फैसला लेंगे।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बैठक के दौरान विपक्षी नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री को दिए गए सुझावों के बाद केंद्र सरकार लॉकडाउन की अवधि को आगे बढ़ा सकती है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा , ”ज्यादातर विपक्षी नेताओं…., करीब 80 फीसदी ने लॉकडाउन की अवधि आगे बढाने की बात की।”
गुलाम नबी आजाद ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की मियाद बढ़ाने के सुझाव उनके पास आ रहे हैं लेकिन कोई भी कदम उठाने से पहले वह मुख्यमंत्रियों और अपने सहयोगियों से विचार-विमर्श करेंगे। आजाद ने कहा कि कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सरकार की मदद के लिए राजनीतिक दलों का कार्य समूह बनाया जाए।
उनके मुताबिक कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए केन्द्र सरकार के कार्यबल में प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी शामिल करने, छोटे प्रदेशों को वित्तीय पैकेज देने, जांच मुफ्त करने सहित कई कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा, ”हमने प्रधानमंत्री से कहा कि वायरस को जड़ से खत्म करने के लिए सख्त कदम की जरूरत है। लक्षित और क्षेत्रवार योजना बननी चहिए।”
आजाद ने बताया, ”कोरोना वायरस संकट को लेकर केंद्र ने एक कार्यबल बनाया है। हमने कहा कि इसमें उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को शामिल किया जाए जहां कोरोना वायरस के मामले अधिक हैं।’’ उन्होंने कहा कि छोटे राज्यों को केंद्र सरकार विशेष वित्तीय पैकेज दे । आजाद के अनुसार, कांग्रेस की तरफ से कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच मुफ्त करने और बड़े पैमाने पर जांच करने की मांग की गई।
उन्होंने कहा कि देश के 45 करोड़ श्रमिकों को मदद देने, फसलों की कटाई और उपज की खरीद में किसानों की मदद करने, उर्वरक, कीटनाशक और खेती में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों पर जीएसटी खत्म करने और किसानों के कर्ज पर ब्याज के भुगतान को छह महीने के लिए टालने के सुझाव भी सरकार को दिये गए।