कोरोना वायरस (कोविड-19) के चलते देश में लगे लॉकडाउन के बीच आज यानि रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' पेश की। प्रधानमंत्री ने अपने 65 वें 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। इस महामारी के दौरान पीएम मोदी की यह तीसरी 'मन की बात' रही। उन्होंने कहा कि देश में सभी के सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बड़ी मजबूती से लड़ी जा रही है।
कोरोना के खिलाफ जंग का रास्ता लंबा है इसलिए सतर्कता की और अधिक जरूरत
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई का रास्ता लंबा है। एक ऐसी आपदा जिसका पूरी दुनिया के पास कोई इलाज ही नहीं है, जिसका पहले का अनुभव ही नहींं है। तो ऐसे में नई-नई चुनौतियां और उसके कारण परेशानियां हम अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि "कोरोना संकट के बीच अब तमाम सावधानियों के साथ हवाई जहाज उड़ने लगे हैं।
धीरे-धीरे उद्योग भी चलना शुरू हुए हैं यानी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब चल पड़ा है। ऐसे में हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्कयकता है। इसके लिए हमें दो गज की दूरी का नियम हो, मुंह पर मास्क लगाने की बात हो, इन सारी बातों का पालन करना है।"
देशवासियों की सेवाशक्ति इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत
पीएम ने कहा कि देशवासियों की संकल्पशक्ति के साथ एक और शक्ति इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत है और वो है- देशवासियों की सेवाशक्ति। उन्होंने कहा कि "पंजाब के पठानकोट से दिव्यांग भाई राजू ने दूसरों की मदद से जोड़ी गई छोटी से पुंजी से 3000 से अधिक मास्क बनाकर लोगों में बांटे और 100 परिवारों के लिए राशन जुटाया। सेवाभाव से लोगों की मदद कर रहे है ऐसे सभी लोगों की मैं प्रशंसा करता हूं,उनका तहे दिल से अभिनंदन करता हूं।"
संकट की इस घड़ी में इनोवेशन ने दिल को छु लिया
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि "किसी भी परिस्थिति को बदलने के लिए इच्छाशक्ति के साथ ही, बहुत कुछ इनोवेशन पर भी निर्भर करता है। हजारों साल की मानव जाति की यात्रा लगातार इनोवेशन से ही इतने आधुनिक दौर में पहुंची है।" उन्होंने आगे का कि "एक और बात जो मेरे मन को छू गई, वो है संकट की इस घड़ी में इनोवेशन, गांवों से लेकर शहरों तक छोटे व्यापारियों से लेकर स्टार्ट-अप तक, हमारी लैब्स कोरोना से लड़ाई में नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं, नए इनोवेशन कर रहे हैं।"
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इस जंग में जुटे हर देशवासी कोरोना वॉरियर्स हैं
उन्होंने कहा कि "हमारे रेलवे के साथी दिन-रात लगे हुए हैं। केंद्र हो, राज्य हो, स्थानीय स्वराज की संस्थाएं हो-हर कोई दिन रात मेहनत कर रहा है। जिस प्रकार रेलवे के कर्मचारी आज जुटे हुए हैं, वे भी एक प्रकार से अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना वॉरियर्स ही हैं।" प्रधानमंत्री ने कहा कि "देश में कहीं श्रमिकों की स्किल मैपिंग का काम हो रहा है, कहीं स्टार्ट-अप इस काम में जुटे हैं, कहीं माइग्रेशन कमीशन बनाने की बात हो रही है। साथ ही केंद्र सरकार ने अभी जो फैसले लिए हैं उससे गांवों में रोजगार, स्वरोजगार और लघु उद्योग से जुड़ी विशाल संभावनाएं खुली हैं।"
आयुष्मान भारत के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ के पार
मोदी ने कहा कि "कुछ ही दिन पहले आयुष्मान भारत के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ के पार हो गई। अगर गरीबों को अस्पताल में भर्ती होने के बाद इलाज के लिए पैसे देने पड़ते, इनका मुफ्त इलाज नहीं होता तो एक मोटा-मोटा अंदाजा है कि उन्हें 14 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा अपनी जेब से खर्च करने पड़ते। एक करोड़ लाभार्थियों में से 80 प्रतिशत लाभार्थी देश के ग्रामीण इलाकों के हैं। इनमें भी करीब 50 प्रतिशत लाभार्थी हमारी माताएं-बहनें और बेटियां हैं।"
'वोकल फॉर लोकल' को किया जा रहा है प्रमोट
पीएम ने कहा कि "बहुत से लोगों ने ये बताया है कि उन्होंने, जो जो समान उनके इलाके में मिलते हैं, उनकी उन्होंने पूरी लिस्ट बना ली है। ये लोग अब लोकल प्रोडक्ट्स को ही खरीद रहे हैं और 'वोकल फॉर लोकल' को प्रमोट कर रहे हैं।" कोरोना संकट के इस दौर में मेरी विश्व के अनेक नेताओं से बातचीत हुई है, तो मैंने देखा इन दिनों उनकी बहुत ज्यादा दिलचस्पी 'योग' और 'आयुर्वेद' के संबंध में होती है।