कांग्रेस को पांच राज्यों में चुनावी हार के बाद बैठकों का दौर जारी है। शुक्रवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी से मुलाकात की। और कांग्रेस में सुधारों को लेकर पार्टी अध्यक्ष को सुझाव दिए। आजाद के इस रुख पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उनके फैसले का स्वागत किया।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने शनिवार को कहा, गुलाम नबी आजाद सालों से पार्टी में हैं। वह सब कुछ जानते है, इसलिए उन्होंने वहां हस्ताक्षर करने वालों (G -23 के नेताओं) से बात की। सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान आजाद ने पार्टी को साथ रखने की बात कही है। यह एक अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं यह एक स्वागत योग्य कदम है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस नेतृत्व को लेकर गांधी परिवार पर सवाल खड़े करने वाले नेताओं पर खड़गे ने कहा, हम हमेशा चाहते हैं कि पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी एक साथ आएं… हम सभी जिम्मेदार हैं, अकेले गांधी परिवार को जिम्मेदार बताना सही नहीं है।
आज़ाद ने दोहराया संगठन को मजबूत करने के लिए अपना सुझाव
सोनिया गांधी के आवास ‘10 जनपथ’ पर शुक्रवार को मुलाकात के बाद आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘संगठन को मजबूत बनाने के लिए सोनिया गांधी जी से चर्चा होती रही है। कुछ दिनों पहले कार्य समिति की बैठक हुई थी और कार्य समिति से सुझाव मांगे गए थे कि हार के क्या कारण हैं और कैसे पार्टी को मजबूत करना है। मैंने भी अपने सुझाव दिए थे…आज मैंने संगठन को मजबूत करने के लिए अपने सुझावों को दोहराया है।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आजाद का यह बयान इस मायने में अहम है कि कुछ दिनों पहले ही ‘जी 23’ के उनके साथी और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने एक साक्षात्कार खुलकर कहा था कि गांधी परिवार को नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य नेता को मौका देना चाहिए।