सतर्कता निदेशालय ने पूर्व वित्त मंत्री पी . चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम से आज एयरसेल मैक्सिस से जुड़े कथित धनशोधन मामले में पूछताछ की। अधिकारियों ने बताया कि मामले के सिलसिले में ईडी ने पहली बार कार्ति से पूछताछ की है जो 2006 में उनके पिता द्वारा दिए गए विदेशी निवेश प्रोमोशन बोर्ड ( एफआईपीबी ) की मंजूरी से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने दावा किया कि ईडी को संदेह है कि एफआईपीबी की मंजूरी के बाद एयरसेल टेलीवेंचर्स लिमिटेड ने एएससीपीएल को कथित तौर पर 26 लाख रुपये का भुगतान किया। यह कंपनी कथित तौर पर कार्ति से जुड़ी हुई है। एजेंसी ने कहा कि एयरसेल – मैक्सिस एफडीआई मामले में एफआईपीबी की मंजूरी चिदंबरम ने मार्च 2006 में दी थी जबकि वह केवल 600 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए अधिकृत थे और इससे ज्यादा राशि की परियोजनाओं के लिए आर्थिक मामले की कैबिनेट समिति ( सीसीईए ) से मंजूरी की जरूरत होती है।
इसने आरोप लगाए , ‘‘ इस मामले में 80 करोड़ डॉलर (3500 करोड़ रुपये से अधिक ) के एफडीआई की मंजूरी मांगी गई। इसलिए सीसीईए मंजूरी देने के लिए अधिकृत था। बहरहाल , सीसीईए से मंजूरी नहीं ली गई। ’’
एजेंसी ने कहा कि इसकी जांच से खुलासा हुआ कि उक्त एफडीआई का मामला ‘‘ गलत तरीके से 180 करोड़ रुपये के निवेश का दिखाया गया ताकि इसे सीसीईए के पास भेजे जाने की जरूरत नहीं पड़े और यह विस्तृत पड़ताल से बच जाए। ’’
एजेंसी ने दावा किया है कि कार्ति और पी चिदंबरम के रिश्तेदार ए . पलनियप्पन की कंपनी सीएमएसपीएल को मैक्सिस समूह से दो लाख डॉलर की राशि कथित तौर पर कानूनी अनुपालन सॉफ्टवेयर खरीदने के लिए मिली।
इसने कहा कि जांच से पता चलता है कि ‘‘ सॉफ्टवेयर को केवल भारत में इस्तेमाल के लिए डिजाइन किया गया था और मलेशिया की कंपनी में इसकी कोई जरूरत नहीं थी। ’’ ईडी ने कहा कि मामले में अपराध की अन्य घटनाओं की ‘‘ पहचान ’’ के साथ ही उनसे अप्रत्यक्ष लाभ की हासिल करने की ‘‘ जांच जारी है। ’’
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