वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार धीमी हुई है, लेकिन इसका खतरा अभी भी गंभीर बना हुआ है। केंद्र सरकार ने एक बार फिर चेतावनी देते हुए कहा कि लोगों की जरा सी लापरवाही काफी खतरनाक साबित हो सकती है। सरकार ने पिछले कुछ दिनों से लोगों के द्वारा की जा रही घोर लापरवाही को चिंताजनक बताते हुए शुक्रवार को कहा कि 15 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने की दर 10 प्रतिशत से अधिक रही।
सरकार ने कहा कि 14 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 73 जिलों में प्रतिदिन 100 से अधिक नये मामले सामने आए। सरकार ने कहा कि कोविड-19 के प्रतिदिन के मामलों में धीमी कमी देश के लिए यह चेतावनी है कि स्थिति नियंत्रण में है लेकिन यदि कोविड से जुड़े नियमों का अनुपालन नहीं किया गया तो स्थिति बिगड़ सकती है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने कहा, ‘‘हमारे टीके प्रभावकारी हैं और बहुत सुरक्षित हैं तथा पहले से किसी अन्य बीमारी से ग्रसित लोगों, गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अवश्य ही इसे लगवाना चाहिए। हालांकि, हम पूरी तरह से टीकों के भरोसे नहीं रह सकते हैं। ’’
सरकार ने कहा कि 15 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 जिलों में कोविड-19 पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई। इनमें मणिपुर, केरल, राजस्थान, मेघालय, मिजोरम, अरूणाचल प्रदेश, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, महाराष्ट्र और पुडुचेरी शामिल हैं।
सरकार ने कहा कि 14 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 73 जिलों में प्रतिदिन 100 से अधिक नये मामले सामने आए। सरकार ने कहा कि कोविड-19 के प्रतिदिन के मामलों में धीमी कमी देश के लिए यह चेतावनी है कि स्थिति नियंत्रण में है लेकिन यदि कोविड से जुड़े नियमों का अनुपालन नहीं किया गया तो स्थिति बिगड़ सकती है।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने कहा, ‘‘हमारे टीके प्रभावकारी हैं और बहुत सुरक्षित हैं तथा पहले से किसी अन्य बीमारी से ग्रसित लोगों, गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अवश्य ही इसे लगवाना चाहिए। हालांकि, हम पूरी तरह से टीकों के भरोसे नहीं रह सकते हैं। ’’
सरकार ने कहा कि 15 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 जिलों में कोविड-19 पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई। इनमें मणिपुर, केरल, राजस्थान, मेघालय, मिजोरम, अरूणाचल प्रदेश, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, महाराष्ट्र और पुडुचेरी शामिल हैं।