इस वक्त जब 2017 अतीत के पन्नों में दर्ज होेने वाला है। यह मुफीद वक्त है कि साल की प्रमुख घटनाओं को पीछे मुड़ कर टटोले कि वे कौन सी घटनाएं थी जिनका जिक्र किए बिना 2017 की चर्चा करना अधूरा रहेगा। इस वर्ष को जहां ताकत के प्रदर्शन के लिए याद रखा जाएगा वहीं कई देशों में संवैधानिक संकट की स्थिति भी बनी। अमेरिका- उ. कोरिया के बीच तनातनी पूरे साल बनी रही।
किम जोंग उनकी सनक से पूरी दुनिया परेशान रही। पाकिस्तान में तत्कालीन पीएम को कुर्सी गंवानी पड़ी, वहीं ट्रंप ने येरुशलम को इस्राइल की राजधानी घोषित कर और पेरिस समझौते से हटकर दादागिरी दिखाई। यूरोप भी सालभर सुर्खिंयों में रहा। थेरेसा मे ने फिर चुनाव जीता हालांकि उनकी सीटें पहले से कम हो गई। इसके साथ ही मुस्लिम देशों के लोगों के यात्रा प्रतिबंध की खबरें भी सुर्खिंयों में रही।
1. इराक से आईएस का खात्मा
2014 से आतंक का पर्याय बने खूंखार आतंकी संगठन आईएस का इराक से सफाया हो गया, इराक के प्रधानमंत्री ने इसका ऐलान किया।इराक ने इस युद्ध में अमेरिकी सेना और कुर्दे लड़ाकों का समर्थन मिला।
2. ट्रंप ने येरुशलम को राजधानी घोषित किया
ट्रंप ने येरुशलम को इस्राइल की राजधानी घोषित कर ऐलान किया। इस मुद्दे पर यूएन सुरक्षा परिषद में अमेरिका के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। इराक ने इस युद्ध में अमेरिकी सेना और कुर्दे लड़ाकों का समर्थन मिला।
3. अरब सागर में भारत की पकड़ मजबूत
ईरान की चाबहार बंदरगाह परियोजना शुरू होने के बाद भारत को भी अरब सागर में प्रभुत्व जमाने का मौका मिला। भारत के लिए चाबहार कई कारणों से महत्वपूर्ण है। मध्य एशिया और यूरोप के देशों से आिर्थक तौर पर जुड़ने के लिए भारत को ईरान के रूप में एक बेहतर रास्ता मिला है। इससे भारत-ईरान अफगानिस्तान के बीच व्यापार में बढ़ौतरी होगी।
4. राबर्ट मुगाबे की सत्ता का अंत
37 साल तक सत्ता में रहे राबर्ट मुगाबे का तख्ता पलट किया गया। सेना की तरफ से तख्ता पलट के बाद इमर्सन मनागांग्वा नए राष्ट्रपति बने।
5. पनामा गेट में नवाज की कुर्सी गई
पनामा मामले में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए नवाज शरीफ को दोषी करार दिया। जिसके बाद नवाज को इस्तीफा देना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नवाज का राजनीतिक भविष्य एक तरह से समाप्त हो गया।
6. ट्रंप की नई सुरक्षा नीति
ट्रंप ने नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति जारी की जिसमें भारत को अमेरिका का अहम सहयोगी घोषित किया और पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई।
7. केटोलोनिया संकट
केटोलोनिया ने स्पेन से अलग होने का ऐलान किया जिसके बाद यहां की सरकार को बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद हुए चुनावों में अलगाववादियों को भारी जीत मिली।
8. अमेरिका का पेरिस समझौते से हटना
ट्रंप ने पेरिस समझौते से हटने का ऐलान किया। ट्रंप ने इसका साफ ठीकरा भारत-चीन पर फोड़ा। इसके बाद हुए चुनावों में अलगाववादियों को भारी जीत मिली।
9. म्यांमार नरसंहार मामला
रोहिंग्या कट्टरपंथियों की तरफ से म्यांमार में सुरक्षा बलों पर हमले के बाद जवाबी कार्रवाई में लाखों मुस्लिमों को देश छोड़ना पड़ा।
10. भारत-इस्राइल संबंध
राजनयिक संबंध बहाल होने के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब भारत के प्रधानमंत्री बिना फलस्तीन गए इस्राइल की यात्रा पर गए। हालांकि येरुशलम पर भारत ने अमेरिका के खिलाफ वोट दिया। इस्राइल के प्रधानमंत्री जनवरी में भारत आ रहे हैं।
-पंकज सुमन
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