सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि देश में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) संबंधी हिंसा की घटनाओं में वर्ष 2010 की तुलना में वर्ष 2020 में 77 प्रतिशत की कमी आई है। लोकसभा में पशुपति नाथ सिंह के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) संबंधी हिंसा की घटनाओं में वर्ष 2010 की तुलना में वर्ष 2020 में 77 प्रतिशत की कमी आई है। उनके अनुसार, परिणामी मौतों (सुरक्षा बलों और आम नागरिकों की मौत) में भी 90 प्रतिशत की कमी आई है जो वर्ष 2010 के सर्वाधिक स्तर 1005 से कम होकर वर्ष 2022 में 98 दर्ज की गई ।
742 घटनाओं से कम होकर वर्ष 2022 में 132 हो गईं
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिंसा के भौगोलिक विस्तार में भी पर्याप्त कमी हुई है और वर्ष 2022 में 45 जिलों के 176 पुलिस थानों में एलडब्ल्यूई संबंधी हिंसा की रिपोर्ट प्राप्त हुई है जबकि इसकी तुलना में वर्ष 2010 में अब तक के सर्वाधिक 96 जिलों के 465 पुलिस थानों में हिंसा की रिपोर्ट आई थी। उन्होंने बताया कि झारखंड में भी सुरक्षा की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। राज्य में हिंसा की घटनाओं की संख्या में 82 प्रतिशत की कमी हुई है जो वर्ष 2009 में सर्वाधिक 742 घटनाओं से कम होकर वर्ष 2022 में 132 हो गईं।
अधिकारियों द्वारा बैठकें और किए जा रहे हैं दौरे
राय ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के परिदृश्य की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा नियमित रूप से समीक्षा बैठकें की जाती हैं तथा विभिन्न योजनाओं के तहत कार्यों को शीघ्र पूरा करने और निगरानी सुनिश्चित करने के लिए अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बैठकें और दौरे किए जा रहे हैं।