दो साल से कोविड महामारी के कारण फीके रहे पतंग बाज़ार की रौनक सरकार की ‘हर घर तिरंगा’ पहल के चलते लौट आई है और बाज़ार में ‘तिरंगा पतंग’ के साथ ही हाल में कत्ल कर दिए गए पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर वाली पतंग की ज़बर्दस्त मांग है।
देश के अलग अलग हिस्सों में स्वतंत्रता दिवस का जश्न पतंग उड़ाकर मनाने का अरसे से रिवाज रहा है। इसी के मद्देनजर हर साल 15 अगस्त से पहले पुरानी दिल्ली के लाल कुएं और उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद इलाके में एक अगस्त से 15 दिनों के लिए पतंग बाज़ार सजता है।
कोविड महामारी के चलते बीते दो साल रहे फीके
मुरादाबाद, मेरठ, बरेली, अलीगढ़, जयपुर समेत अन्य शहरों से आए दुकानदार 15 दिन के लिए मोटा किराया देकर इन इलाकों में पतंगों की दुकानें खोलते हैं, मगर बीते दो साल से कोविड महामारी के चलते इन बाजारों की रौनक फीकी थी और दुकानें भी कम लगी थीं।
हालांकि इस बार बाजार में पहले जैसी रौनक लौट आई है और दुकानें भी अधिक संख्या में सजी हैं। दुकानदार उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार उनकी बिक्री भी पहले जैसी ही होगी।
इस साल देश को आज़ाद हुए 75 साल पूरे हो रहे हैं। इसके मद्देनजर सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’ पहल की शुरुआत की है जिसके बाद बाजार में ‘तिरंगा पतंगों’ की खासी मांग है। वहीं, मई में कत्ल कर दिए गए पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर वाली पतंगें भी खूब बिक रही हैं ।
तिरंगे वाली पतंगों की डिमांड सबसे ज्यादा
इसके अलावा बाजार में फिल्मों, अभिनेताओं, कार्टून आदि की तस्वीर वाली पतंगों की भी खूब मांग है। लोग स्वतंत्रता दिवस पर एक दूसरे की पतंग को काटने के लिए कपास का बेहतरीन मांझा भी खरीद रहे हैं जो 100 रुपये से लेकर 600 रुपये तक के दामों में मिल रहा है।
लाल कुआं के दुकानदारों ने बताया इस बार कोविड संबंधी पाबंदियां नहीं हैं और उम्मीद है कि व्यापार अच्छा होगा। “हमें उम्मीद है कि जैसे जैसे 15 अगस्त करीब आएगा, वैसे वैसे खरीदारों की संख्या बढ़ेगी। इस बार पारंपरिक पतंगों के अलावा ‘तिरंगा पतंग’ की मांग ज्यादा है। शायद इसकी वजह सरकार की हर घर तिरंगा पहल है।”
सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर वाली पतंगों की बिक्री भी जबरदस्त
साथ ही व्यापारियों ने कहा कि तिरंगा पतंग पर ‘वंदे मातरम’ लिखा हुआ है जो ज्यादा बिक रही है। उन्होंने बताया कि इसी के साथ सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर वाली पतंग की भी मांग है।
दुकानदारों के मुताबिक़, ‘हर घर तिरंगा’ पहल की वजह से रोज़ाना तिरंगे की करीब 500-600 पतंगे बिक रही हैं और बाज़ार में इन पतंगों की कमी हो रही है जबकि बीते सालों में ‘तिरंगा पतंग’ की इतनी मांग नहीं होती थी। दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर वाली पतंग रामपुर से बनकर आ रही है और इसकी इतनी मांग है कि यह बाजार से गायब हो गई है।
लाल कुआं में दुकानदार ने बताया कि उनकी दुकान पर चीन से आयात की हुई तिकोनी पतंग है जो वाटरप्रूफ कपड़े से बनी है और इसकी कीमत 25 रुपये से शुरू होती है और अधिकतम 100 रुपये तक जाती है।