उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि भारत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ रहा है और देश शिक्षित युवाओं के साथ ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में विश्व गुरु बनने की क्षमता रखता है। श्री नायडू ने उत्तर गोवा के पेरनेम में संत सोहिरोबनाथ अंबिये गवर्नमेंट कॉलेज के नए स्टेट ऑफ आर्ट भवन के परिसर के उद्घाटन समारोह में उक्त बातें कही।
भारत ‘विश्व गुरु’ के नाम से जाना जाता था
उन्होंने कहा कि विषयों का पृथक होना अतीत की बात है क्योंकि दुनिया बेहतर शोध परिणामों के लिए उच्च शिक्षा में एक बहु-विषयक दृष्टिकोण अपना रही है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक समय भारत ‘विश्व गुरु’ के नाम से जाना जाता था और नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला, पुष्पगिरी विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए दुनिया भर से छात्र भारत आते थे। उन्होंने कहा कि फिर से वहीं समय आयेगा क्योंकि देशवासियों ने हर क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
विदेशी भाषा सीखने में कोई बुराई नहीं
श्री नायडू ने कहा कि यह बहुत जरुरी है कि बच्चों को इतिहास पढ़या जाए और सभी राष्ट्रीय नायकों को शामिल करने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किया जाए। उन्होंने कहा कि विदेशी भाषा सीखने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन हमें अपनी मातृभाषा पर भी ध्यान देना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अपनी मातृभाषा में पढ़ने से छात्र बेहतर तरीके से उसे समझते और सीखते हैं।
शिक्षा प्रणाली में व्यापक परिवर्तन की आवश्यकता
श्री नायडू ने शारीरिक शिक्षा (फिजिकल एजूकेशन) पर भी जोर दिया और छात्रों को मैदान पर कुछ समय बिताने की सलाह दी। इस अवसर पर गोवा के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में व्यापक परिवर्तन की आवश्यकता है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और उपमुख्यमंत्री मनोहर अजगांवकर सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।