भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पूर्ण रूप से पीछे हटने के लिये प्रत्येक पक्ष को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी-अपनी ओर नियमित चौकियों की तरफ सैनिकों की पुन: तैनाती करने की जरूरत है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि यह दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति के आधार पर एक दूसरे द्वारा उठाये गए कदमों से ही हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि इसे हासिल करने के लिये दोनों पक्षों को सहमत बिन्दुओं पर कदम उठाने की जरूरत है।’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पिछले सप्ताह सीमा मामलों पर परामर्श एवं समन्वय संबंधी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की 18 वीं बैठक में हुई बातचीत का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में डब्ल्यूएमसीसी की पिछली बैठक में दोनों पक्षों ने मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के तहत लंबित मुद्दों का शीघ्रता से समाधान निकालने पर सहमति जतायी थी।’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्षों ने यह स्वीकार किया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति की बहाली द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने स्वीकार किया था कि सैनिकों का पूरी तरह से से पीछे हटना सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक, सैन्य माध्यमों से करीबी संवाद को बनाये रखने की जरूरत है।