पूर्वी लद्दाख में कुछ स्थानों पर 22 माह से जारी गतिरोध के समाधान के लिए भारत और चीन के बीच शुक्रवार को 15वें दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता हुई। भारतीय सेना के प्रवक्ता ने इस बातचीत में हुई प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि दोनों ही देश जल्द बाकी मुद्दों के स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने के लिए सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने पर सहमत हुए हैं।
पश्चिमी क्षेत्र में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल
जॉइंट स्टेटमेंट में कहा गया है कि बाकी के मसलों के जल्द से जल्द समाधान को लेकर दोनों देशों के नेताओं द्वारा दिए गए मार्गदर्शन को ध्यान रखते हुए बातचीत हुई है। इस बात की पुष्टि की गई है कि इस तरह के प्रस्ताव से पश्चिमी क्षेत्र में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के साथ शांति और शांति बहाल करने में मदद मिलेगी और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की सुविधा होगी। बयान में कहा गया है कि भारत और चीन जल्द से जल्द शेष मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने के लिए सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने पर सहमत हुए हैं।
एक्सपर्ट इस बातचीत को कैसे देखते हैं?
सुशांत सिंह रक्षा मामलों के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने बातचीत को लेकर कहा है कि बातचीत का पहला सकारात्मक पहलू यह रहा है कि संयुक्त बयान आया है और दूसरी अच्छी बात ये है कि दोनों पक्ष बातचीत जारी रखने को सहमत हुए हैं। हालंकि उन्होंने डिसइंगेजमेंट को लेकर किसी तरह की प्रगति नहीं होने पर सवाल उठाया है।
पश्चिमी क्षेत्र में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल
जॉइंट स्टेटमेंट में कहा गया है कि बाकी के मसलों के जल्द से जल्द समाधान को लेकर दोनों देशों के नेताओं द्वारा दिए गए मार्गदर्शन को ध्यान रखते हुए बातचीत हुई है। इस बात की पुष्टि की गई है कि इस तरह के प्रस्ताव से पश्चिमी क्षेत्र में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के साथ शांति और शांति बहाल करने में मदद मिलेगी और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की सुविधा होगी। बयान में कहा गया है कि भारत और चीन जल्द से जल्द शेष मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने के लिए सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने पर सहमत हुए हैं।
एक्सपर्ट इस बातचीत को कैसे देखते हैं?
सुशांत सिंह रक्षा मामलों के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने बातचीत को लेकर कहा है कि बातचीत का पहला सकारात्मक पहलू यह रहा है कि संयुक्त बयान आया है और दूसरी अच्छी बात ये है कि दोनों पक्ष बातचीत जारी रखने को सहमत हुए हैं। हालंकि उन्होंने डिसइंगेजमेंट को लेकर किसी तरह की प्रगति नहीं होने पर सवाल उठाया है।