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कोवैक्सीन को पानी बताने पर भारत बायोटेक के चेयरमैन कृष्णा इल्ला का छलका दर्द

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुख अदार पूनावाला की ओर से अप्रत्यक्ष तौर पर कोवैक्सीन को पानी बताए जाने पर भारत बायोटेक के चेयरमैन कृष्णा इल्ला ने किया पलटवार।

भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ दो वैक्सीन को इमरजेंसी में इस्तेमाल करने की मंजूरी मिलने के बाद सियासत जोरों पर है। कोई इसके प्रभाव पर सवाल उठा रहा है तो कोई इसे बैकअप वैक्सीन बता रहा है। इसी बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुख अदार पूनावाला की ओर से अप्रत्यक्ष तौर पर कोवैक्सीन को पानी बताए जाने पर भारत बायोटेक के चेयरमैन कृष्णा इल्ला ने पलटवार किया है।
उन्होंने कहा कि हम एक ग्लोबल कंपनी हैं और हमारे ऊपर ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए कि हम क्लिनिकल अनुसंधान नहीं जानते। सीरम अदार पूनावाला द्वारा अप्रत्यक्ष तौर पर कोवैक्सीन को पानी बताए जाने पर उनका दर्द छलका है और कहा है कि हमारी वैक्सीन पर ऐसे सवाल नहीं उठाने चाहिए। उनके फर्म ने 200 फीसदी ईमानदार क्लीनिकल परीक्षण किए है। अगर मैं गलत हूं, तो मुझे बताओ। 
उन्होंने कहा, सुरक्षा और प्रभाव के संदर्भ में किसी भी क्लीनिकल परीक्षण को फास्ट ट्रैक नहीं किया गया। नियामक की मंजूरी लेने में फास्ट ट्रैक किया गया है जिसमें एक चरण से दूसरे चरण तक जाने में सामान्य तौर पर ज्यादा समय लगता है। भारत बायोटेक के चेयरमैन कृष्णा इल्ला ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी कंपनी का सुरक्षित और प्रभावी टीके के उत्पादन करने का एक रिकार्ड है और वह सभी आंकड़ों को लेकर पारदर्शी है। 
उन्होंने कहा, हम न केवल भारत में क्लीनिकल परीक्षण कर रहे है, हमने ब्रिटेन सहित 12 से अधिक देशों में क्लीनिकल परीक्षण किए है। उन्होंने कहा कई लोग सिर्फ भारतीय कंपनियों पर निशाना साधने के लिए अलग तरह से बातें कर रहे है। यह हमारे लिए सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि भारत बायोटेक का डाटा पारदर्शी नहीं है और उन्होंने कंपनी के प्रकाशनों की संख्या गिनाई। उन्होंने कहा कि आपातकालीन उपयोग की मंजूरी भारत सरकार के 2019 के नियमों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक ने सबसे पहले जीका वायरस का पता लगाया और जीका तथा चिकनगुनिया के टीकों के लिए वैश्विक पेटेंट दायर करने वाली यह पहली कंपनी है। 
भारत बायोटेक के टीके को मंजूरी बैकअप के तौर पर केवल आपातकालीन स्थिति के लिए दी गई है और इन दावों को खारिज कर दिया कि टीका की पूरी प्रक्रिया को फास्ट ट्रैक किया गया। उन्होंने कहा, अगर मामलों में बढ़ोतरी हो रही है तो हमें टीके के बड़े डोज की जरूरत होगी और तब हम भारत बायोटेक के टीके का इस्तेमाल कर सकते हैं। भारत बायोटेक का टीका बैक-अप के लिए है। 

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