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ड्रैगन को धूल चटाने, रक्षा समेत कई क्षेत्रों के लिए भारत, फ्रांस और UAE ने तैयार किया फ्रेमवर्क

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन से जारी तनाव के बीच भारत, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात रक्षा समेत कई प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए राजी हुए हैं

वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन से जारी तनाव के बीच भारत, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) रक्षा समेत कई प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए राजी हुए हैं। तीनों देशों ने त्रिपक्षीय ढांचे के तहत रक्षा, परमाणु ऊर्जा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रूपरेखा पेश की। विदेश मंत्री एस जयशंकर और फ्रांसीसी समकक्ष कैथरीन कोलोना और यूएई के शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के बीच फोन पर बातचीत के दौरान योजना को अंतिम रूप दिया गया।
एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि यह स्वीकार किया गया है कि रक्षा तीनों देशों के बीच सहयोग का एक अहम क्षेत्र है। बयान में आगे कहा गया है कि तीन देशों के रक्षा बलों के बीच सहयोग और प्रशिक्षण के लिए रास्ते तलाशे जाने के प्रयास किये जायेंगे। भारत, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात भी खाद्य सुरक्षा और चक्रीय अर्थव्यवस्था में सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमत हुए हैं। वहीं, एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के प्रदूषण और डिसर्टिफिकेशन जैसे प्रमुख मुद्दों को लेकर प्रतिबद्धता जताई।
पिछले साल हुई थी विदेश मंत्रियों की बैठक
बयान के अनुसार, त्रिपक्षीय पहल स्थायी परियोजनाओं पर उनके देशों की विकास एजेंसियों के बीच सहयोग का विस्तार करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी। तीनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच पिछले साल 19 सितंबर को त्रिपक्षीय प्रारूप के तहत पहली बार बैठक हुई थी। बैठक में, वे आपसी हित के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने के लिए एक औपचारिक त्रिपक्षीय सहयोग पहल स्थापित करने पर सहमत हुए थे।
ट्वीट में विदेश मंत्री जयशंकर ने क्या कहा?
बयान में कहा गया है, ‘इसी संदर्भ में आज तीनों मंत्रियों के बीच इस पहल के क्रियान्वयन के लिए एक रूपरेखा अपनाने के लिए फोन पर बातचीत हुई।’ जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने उन परियोजनाओं पर चर्चा को आगे बढ़ाया, जो इस क्षेत्र को लाभ पहुंचाएगी। उन्होंने आगे कहा, फ्रांसीसी विदेश मंत्री कोलोना और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री जायद अल नाहयान के साथ आज शाम सार्थक बातचीत हुई। क्षेत्र को फायदा पहुंचाने वाली व्यावहारिक परियोजनाओं को लेकर न्यूयार्क की चर्चाओं को आगे बढ़ाया। 
महामारियों से मुकाबले के लिए भी बनेगा प्लान
इन प्रयासों के तहत जी20 की भारत की अध्यक्षता और 2023 में संयुक्त अरब अमीरात द्वारा सीओपी-28 की मेजबानी के तहत त्रिपक्षीय कार्यक्रमों की एक श्रृंखला का आयोजन किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि तीनों देश संक्रामक रोगों से उभरते खतरों के साथ-साथ भविष्य की महामारियों का मुकाबला करने के उपायों को लेकर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

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