भारतीय सेना ने चीन को एकबार फिर मुंह तोड़ जवाब देते हुए गलवान घाटी में देश का तिरंगा फेहराया है। भारतीय सेना की यह फोटो उस वक्त सामने आयी जब सोशल मीडिया पर चीनी सेना द्वारा गलवान घाटी में झंडा फहराने की फोटो और वीडियो वायरल हो रहे थे। चीनी मीडिया का दावा था कि उन्होंने गलवान हिंसा वाली जगह पर अपना झंडा फेहराया है।
भारतीय सेना ने दिया था जवाब
भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट किया कि ‘भारतीय सेना ने नए साल के दौरान पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।’ बता दें कि जब चीन के झंडे को लेकर देश में सवाल उठने लगे थे उसपर भारतीय सेना ने जवाब देते हुए कहा था कि जिस क्षेत्र में चीनी झंडा फहराने की बात हो रही है उसपर हमेशा से ही चीन का कब्जा रहा है।
Brave Indian Army soldiers in Galwan Valley on the occasion of #NewYear2022 pic.twitter.com/5IyQaC9bfz
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) January 4, 2022
गलवान घाटी में हुई थी हिंसक झड़प
2020 में गलवान घाटी में ही भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी। इसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इसके अलावा कई मीडिया रिपोर्ट्स में चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की बात सामने आई थी। लेकिन चीन ने अपने सैनिकों की मौत के आधिकारिक आंकड़ें जारी नहीं किये हैं। अब गलवान घाटी में तिरंगा फहराए जाने को चीन को करारा जवाब माना जा रहा है।
चीनी मीडिया में किया जा रहा दावा फर्जी
पिछले साल जुलाई की सैटेलाइट तस्वीरों में भारतीय और चीनी सैनिकों के गलवान संघर्ष स्थल से दोनों ओर से 2 किमी दूर होने की पुष्टि हुई थी। यह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तरीय वार्ता के बाद हुआ। चीनी मीडिया ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया नया वीडियो उस क्षेत्र का नहीं है जहां यह हिंसा हुई थी।
अरुणाचल प्रदेश को लेकर भी हुआ विवाद
बता दें कि चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों के नए नाम रखे जाने की खबर पर विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर था। जिस पर केंद्र सरकार ने कहा था, ‘हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से चीन की ओर से अरुणाचल के कुछ हिस्सों के नाम बदलने की खबरें मिली हैं। लेकिन नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलती है। अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा था और आगे भी बना रहेगा।’