राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि जर्मनी, यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और भारत के शीर्ष निवेशकों में भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी जीवंत, बहुलवादी लोकतंत्रों के रूप में नयी और उभरती वैश्विक चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
जर्मन चांसलर के रूप में भारत की पहली यात्रा पर आये चांसलर ओलाफ शोल्ज ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंट की।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों, नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, बहुपक्षवाद, साथ ही बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार आदि को बनाए रखने में भारत और जर्मनी के साझा उद्देश्य हैं।
उन्होंने कहा कि जर्मनी, भारत का दूसरा सबसे बड़ा विकास सहयोग भागीदार भी है और इसने भारत की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हाल के वर्षों में, जर्मनी उच्च शिक्षा, विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ने के इच्छुक भारतीय छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरा है।
उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंध हैं तथा भारत पर काम करने वाले जर्मन विद्वानों की एक लंबी परंपरा रही है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ भारत और जर्मनी के बीच लंबे समय से संबंध हैं, जो हमारे साझा मूल्यों और साझा लक्ष्यों पर आधारित हैं। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में व्यापक स्तर पर विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं, जो उस आपसी विश्वास को दर्शाते हैं, जिसे दशकों से पोषित-पल्लवित किया गया है।’’
जर्मनी के चांसलर दो दिवसीय यात्रा पर शनिवार को भारत पहुंचे। इस शीर्ष पद पर एंजेला मर्केल के 16 साल के ऐतिहासिक कार्यकाल के बाद दिसंबर, 2021 में जर्मनी का चांसलर बनने के बाद शोल्ज की यह पहली भारत यात्रा है।
भारत पहुंचने पर जर्मनी के चांसलर शोल्ज ने राष्ट्रपति भवन में सलामी गारद का निरीक्षण किया। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया। रविवार सुबह चांसलर शोल्ज बेंगलुरु के लिए रवाना होंगे।
जर्मनी के चांसलर शोल्ज ने दोपहर में राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इससे पहले, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने स्वच्छ ऊर्जा, कारोबार, निवेश, रक्षा और नयी प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने के उपायों पर चर्चा की।