भारत ने आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट के दुरूपयोग और आतंकी घटनाओं की जांच से जुड़े मामलों में डिजिटल फारेंसिक की भूमिका पर ब्रिक्स देशों के सम्मेलन की मेजबानी की। इसमें सहभागियों ने इस बात को रेखांकित किया कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अच्छे अनुभवों को साझा करके आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट के दुरूपयोग से उत्पन्न चुनौतियों को प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 13-14 अप्रैल को ब्रिक्स देशों की 2 दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। एनआईए के बयान के अनुसार, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इसका उद्घाटन किया था। इसमें कहा गया है कि इस सम्मेलन का आयोजन एनआईए ने किया था क्योंकि भारत वर्ष 2021 के लिये ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है।
बयान के अनुसार, सम्मेलन में सहभागियों ने आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट के दुरूपयोग की रोकथाम, नियंत्रण और अभियोजन से संबंधित चुनौतियों को रेखांकित किया और इस संबंध में वर्तमान प्रौद्योगिकी नवोन्मेष और उभरते डिजिटल परिदृश्य की सराहना की। इसमें कहा गया है कि, ‘‘इस बात पर जोर दिया गया कि केवल अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर आधारित उपायों और निर्वाध रूप से अच्छी पहल एवं अनुभवों को साझा करके इससे निपटा जा सकता है और हम ब्रिक्स सदस्य देशों सहित पूरी दुनिया के नागरिकों के लिये सुरक्षित माहौल का सृजन कर सकते हैं।’’
इस सम्मेलन में कई तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया जिनमें ‘सोशल मीडिया के दोहन’, ‘डार्क वेब एवं अनाम सूचना सामग्री (डार्क वेब एंड एनोनिमाइजर), उभरती प्रौद्योगिकी एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्रिप्टो करेंसी और आभाषी आस्तियां, कानून अनुपालन एजेंसियों की मजबूती, आतंक निरोधक जांच एवं डिजिटल फारेंसिक शामिल हैं।