सोमवार 25 सितंबर को वायु सेना के एयरबेस पर एक खास ड्रोन शो होने जा रहा है। वायु सेना का यह कार्यक्रम दिल्ली से सटे गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर हो रहा है। 'भारत ड्रोन शक्ति' कार्यक्रम के अंतर्गत ड्रोन के 50 से अधिक लाइव हवाई प्रदर्शन होंगे। इसी दौरान हिंडन एयरबेस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय वायु सेना को पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी सौंपेंगे।
ड्रोन को उड़ानों का प्रदर्शन
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 'भारत ड्रोन शक्ति' के दौरान बेहतरीन ड्रोन को उड़ानों का प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही साथ कई नए एवं आधुनिक उत्पाद लॉन्च भी होंगे। देशभर के 75 से ज्यादा ड्रोन स्टार्टअप और कॉरपोरेट्स इस 'भारत ड्रोन शक्ति' कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी मौजूद रहेंगे। भारतीय वायु सेना का पहला सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बीते बुधवार को ही भारत पहुंचा है। यह विमान गुजरात में वडोदरा के वायु सेना स्टेशन पर उतरा था। यूरोपियन कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से भारतीय वायु सेना के लिए सी- 295 ट्रांसपोर्ट विमान खरीदा गया है। विमान की डिलीवरी भारतीय वायु सेना को स्पेन में दी गई। इसके लिए भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी स्पेन गए थे।
C-295 विमान को औपचारिक रूप से वायु सेना में शामिल किया जाएगा
भारतीय वायु सेना का यह ट्रांसपोर्ट विमान माल्टा और मिस्र में हॉल्ट लेते हुए भारत पहुंचा। अब हिंडन स्टेशन में सी-295 विमान को औपचारिक रूप से वायु सेना में शामिल किया जाएगा। वायु सेना के मुताबिक यह एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। विशेषज्ञों मुताबिक यह विमान महज 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। लैंडिंग के लिए इसे मात्र 670 मीटर की लंबाई चाहिए। ऐसी स्थिति में यह विमान भारत चीन सीमा के नजदीक लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में वायु सेना के ऑपरेशन में शामिल हो सकता है। एयरक्राफ्ट अपने साथ 5 से 10 टन तक वजन ले जा सकता है।
16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है
विमान एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है। इसके साथ ही यह ट्रांसपोर्ट विमान 480 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है। एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ की गई डील 56 विमानों के लिए है। इनमें से 16 विमानों का निर्माण स्पेन में हो रहा है जबकि शेष बचे 40 विमान गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी द्वारा तैयार किए जाएंगे।