चीन में हो रहे बीजिंग विंटर ओलंपिक 2022 के उद्घाटन और समारोह में भारतीय दूत हिस्सा नहीं लेंगे। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि चीन ने गलवान घाटी में हुई हिंसा का राजनीतिकरण किया है। दरअसल, चीन ने गलवान घाटी हिंसा में शामिल रहे एक सैनिक को मशालवाहक बनाया। इस पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमें इस बात का दुख है कि चीन ने ओलंपिक का राजनीतिकरण करना चुना है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसे अफसोसजनक बताया है। उन्होंने कहा है कि चीन ने गलवान मुठभेड़ में शामिल एक चीनी कमांडर को मशालची बनाकर चीन ने विंटर ओलंपिक्स का राजनीतिकरण किया है। उन्होंने बीजिंग विंटर ओलंपिक्स में भारत के शामिल होने के सवाल पर कहा है कि बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास में भारत के प्रभारी राजदूत ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह में नहीं शामिल होंगे।
विंटर ओलंपिक्स को बनाया चीन ने राजनीति का अड्डा
एक ओर चीन ने लगातार कहा है कि बीजिंग विंटर ओलंपिक्स को लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। अमेरिका सहित कई युरोपिटी देशों द्वारा ओलंपिक्स को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, जिसका चीन विरोध कर रहा है। वहीं दूसरी ओर चीन ने खुद विंटर ओलंपिक्स को राजनीति का मैदान बनाया हुआ है और इसके जरिए अपना प्रोपगेंडा फैला रहा है।
भारत के साथ गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प में जख्मी जवान को चीन की ओर से विंटर ओलंपिक मशाल थमाए जाने की अमेरिका ने निंदा की है। चीन के इस कदम को शर्मनाक करार देते हुए अमेरिका ने कहा कि यह खेलों के राजनीतिकरण करने का प्रयास है।
दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर तनाव जारी
भारत और चीन के बीच लद्दाख सहित कई इलाकों में बॉर्डर विवाद को लेकर तनाव जारी है। दोनों पक्षों के बीच अब तक 14 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है। हालांकि दोनों देशों ने आपस में मसला सुलझाने की बात कही है और किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का विरोध किया है।