गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने शनिवार को कहा कि भारत अर्थव्यवस्था और आपदा जोखिम प्रबंधन (डीआरएम) के संदर्भ में भविष्य के वैश्विक राजनीतिक ढांचे में अग्रणी भूमिका निभाएगा। भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रतिभा पर विश्वास व्यक्त करते हुए, राय ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी का मकसद अंतिम मील कनेक्टिविटी प्रदान करना और देश के हर जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचना होना चाहिए।
उन्होंने डीआरएम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रसिद्ध 10 सूत्री एजेंडे का उदाहरण दिया। इसके साथ ही गृह राज्य मंत्री ने एजेंडा के साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर जोर दिया, जिसमें आपदा से संबंधित मुद्दों पर काम करने के लिए विश्वविद्यालयों का एक नेटवर्क विकसित करना शामिल है। उन्होंने जलवायु जोखिम प्रबंधन पर भी जोर दिया। मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे।
राय ने कहा कि सम्मेलन के परिणामों और सिफारिशों को आने वाले समय में वास्तविकता का आकार दिया जाना चाहिए। सदस्य एनडीएमए, कमल किशोर ने अपनी टिप्पणी में प्रभावी परिणामों के लिए अनुसंधान डोमेन के विभिन्न आयामों के समन्वय की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया। इस कार्यक्रम में संपूर्ण भारत के विशेषज्ञों, सरकारी अधिकारियों, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रकाशकों, नीति नियोजकों आदि ने भाग लिया और इसके साथ ही इस कार्यक्रम से 10 से अधिक देशों के लोग जुड़े।