उन्होंने कहा, ''हाइड्रोजन परिवहन की लागत में कमी लाने के लिये व्यापक स्तर पर सीएनजी पाइपलाइन ढांचागत सुविधा के उपयोग को लेकर प्रयास किये जा रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''भारत पर्यावरण और जलवायु संबंधित चुनौतियों से निपटने को लेकर प्रतिबद्ध है। इसी के तहत नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता उपायों पर जोर दिया जा रहा है। भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता पिछले छह साल में 32,000 मेगावाट से बढ़कर करीब 1,00,000 मेगावाट हो गयी है।