वैसे तो भारत में महिलाएं हर क्षेत्र में अपना दम-खम दिखा रही हैं। देश के अंदर हो या बाहर हर जगह भारतीय महिलाएं अपना लोहा मनवा रही हैं। देश की सीमा पर भी महिलाएं ‘नारी शक्ति’ का अद्भुत प्रदर्शन कर रही हैं। अरुणाचल प्रदेश की खतरनाक पहाड़ियों में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की महिला पायलट सुखोई जैसे फाइटर जेट उड़ा रही हैं।
सुखोई Su-30MKI फाइटर जेट की पहली भारतीय वेपन सिस्टम ऑपरेटर फ्लाइट लेफ्टिनेंट तेजस्वी ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में किसी भी घटना का जवाब देने और अपनी क्षमता साबित करने के लिए हम तैयार हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी वास्तविक ऑपरेशन का हिस्सा बनने के लिए भारतीय वायुसेना में हर लड़ाकू पायलट ट्रेनिंग करता है क्योंकि यही वह जगह है जहां हमें अपनी क्षमता दिखाने का मौका मिलता है।
लेफ्टिनेंट तेजस्वी ने आगे कहा, इससे पहले भी हमारी सेना में कई शानदार महिलाएं रही हैं जिन्होंने पुरानी धारणाओं को तोड़ा और हमारे सपनों को हासिल करने का मार्ग प्रशस्त किया … पूर्वी क्षेत्र में हमारे पायलट किसी भी गतिविधि का जवाब देने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने कहा कि लड़कियों में देश के लिए कुछ भी करने का हौसला है। बहुत जल्द फाइटर जेट फ्लीट में महिलाएं भी देखने को मिलेंगी। पुरुष और महिलाओं की ट्रेनिंग एक जैसी ही होती है। हम एक बराबर हैं। चाहे आसमान हो या फिर जमीन पर मौजूद बेस। सबसे पहले हम ‘वायु योद्धा’ हैं, बाकी सब इसके बाद आता है।
सुखोई-30 फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रेय बाजपेयी ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में उड़ान भरने में अलग-अलग चुनौतियाँ होती हैं। हालांकि, देश के उत्तरपूर्वी हिस्से में उड़ान भरने के लिए इलाके और मौसम की बड़ी चुनौतियां हैं; हमें यहां उड़ान भरने और अपने मिशन को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना ने अवनी चतुर्वेदी, भावना कांत और शिवांगी सिंह कोफाइटर स्ट्रीम में शामिल किया था। भावना कांत ने MiG-21 अकेले उड़ाकर नाम कमाया तो शिवांगी सिंह को राफेल फाइटर जेट की पायलट की कमान सौंपी गई।