हमेशा से दूसरों को निशाना बनाने वाला पाकिस्तान इस बार खुद निशाने पर है। पाकिस्तान डिफेंस फोरम डिफेंस पीके.कॉम ने ट्विटर और फेसबुक पर मॉर्फ फोटोग्राफ्स के जरिए भारत को बदनाम करने की जो साजिश रची थी, अब वह खुद उसमें फंसता नजर आ रहा है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, शनिवार को डिफेंस पीके ने दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा कंवलप्रीत की एक फोटोग्राफ को शेयर किया था। कंवलप्रीत भारत में मॉब लिन्चिंग की घटनाओं पर जून 2017 में चले कैंपेन नॉट इन माय नेम का हिस्सा थीं। एक स्टूडेंट और एक्टिविस्ट ने अपने ट्विटर हैंडल से हाथों में प्लेकार्ड लिए हुए अपनी एक तस्वीर पोस्ट की थी।
इस तस्वीर पर लिखा था, ”मैं एक भारतीय नागरिक हूं जो अपने धर्मनिरपेक्ष संविधान के साथ खड़ी हूं। मैं मुस्लिमों के सांप्रदायिक मॉब लिंचिंग के खिलाफ लिखूंगी #citizensagainstmoblynching’। जिसके बाद पाक डिफेंस नाम के ट्विटर हैंडल से कवलप्रीत कौर की इस तस्वीर को भारत के खिलाफ मॉर्फ कर के इस्तेमाल किया और कवलप्रीत के संदेश को बदल दिया।
छेड़छाड़ की गई तस्वीर में में लिखा था, ‘मैं भारतीय हूं लेकिन मुझे भारत से नफरत है, क्योंकि यह औपनिवेशिक इकाई है जिसने नागा, कश्मीर, मणिपुरी आदि राज्यों पर कब्जा किया है।’
पाकिस्तान अपने प्रोपेगेंडा में कामयाब हो पाता उससे पहले ही कवलप्रीत ने इस प्रोपेगेंडा की शिकायत ट्विटर से कर दी। जिस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए ट्विटर ने पाक डिफेंस नाम के इस ट्विटर हैंडल को बंद कर दिया। यह पूरा मामला उस समय सामने आया जब जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन की वाइस प्रेसीडेंट शेहला राशिद की नजर इस इससे जुड़ी एक ट्वीट पर पड़ी।
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान ने हिंदुस्तान के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए फर्जी तस्वीर का इस्तेमाल किया हो। इससे पहले भी यूएन में मलीहा लोधी ने फिलीस्तीन की महिला की फर्जी तस्वीर दिखा कर कश्मीर का बताया था, जिस पर पाकिस्तान की थू-थू हुई थी।