‘विदेशी मशीनों पर भारी पड़े भारतीय हाथ’: सभी 41 श्रमिक निकले बाहर, रेस्क्यू टीम-परिवार ने ली राहत की सांस

‘विदेशी मशीनों पर भारी पड़े भारतीय हाथ’: सभी 41 श्रमिक निकले बाहर, रेस्क्यू टीम-परिवार ने ली राहत की सांस
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उत्तरकाशी स्थित सिल्क्यारा के सुरंग में पिछले 17 दिन से फंसे श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया है। श्रमिकों को एक-एक करके 800 मिमी के उस पाइप के जरिए बाहर निकाला गया जिसे मलबे में ड्रिल करके डाला गया था। बता दें कि सभी श्रमिक सुरक्षित हैं। श्रमिकों को निकाले जाने के दौरान उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी व केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को गले लगाया तथा उनसे बातचीत की। रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता के बाद मजदूरों के परिजनों, रेस्क्यू टीम और प्रशासन ने राहत की सांस ली है।

'राहत और खुशी हो रही महसूस'

सुरंग से सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकाले जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, "उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों को बचाने के लिए चलाए गए अभियान की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है।" राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यह जानकर राहत और खुशी महसूस हो रही है कि उत्तराखंड में सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को बचा लिया गया है। बता दें कि चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें 41 श्रमिक फंस गए थे।

सभी श्रमिक सुरक्षित

झारखंड निवासी विजय होरो को सबसे पहले निकाला गया है. इसके साथ ही गणपति होरो, धीरेंद्र नायक, मनजीत, उनाधर नायक, अनिल, तपन मंडल, चंपा उराव, राम प्रसाद, जय प्रकाश, सुखराम, रंजीत लोहार, महादेव नायक, सोखिम मन्ना, संजय, जयदेव वैरा, राजेंद्र, रामसुंदर, सुबोध कुमार वर्मा, समीर नायक, विश्वजीत वर्मा, रविद्र नायक, राम मिलन, संतोष कुमार, अंकित कुमार, सोनू शाह, सतदेव, दीपक कुमार, मानिक, गब्बर सिंह नेगी, अहमद, अखिलेश, सुशील शर्मा, विरेंद्र, रिंकू और भगतू को बाहर निकाल लिया गया।

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