देश की समुद्री सीमा की सुरक्षा करने वाली भारतीय नौसेना के कमांडरों का चार दिन का सम्मेलन सोमवार से नई दिल्ली में शुरू होगा जिसमें समुद्री सुरक्षा से संबंधित सामरिक महत्व के मुद्दों से लेकर नौसेना की संचालन तैयारियों तथा अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इस सम्मलेन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शीर्ष कमांडरों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर बातचीत करेंगे।
सैन्य अधिकारी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ करेंगे बातचीत
थल सेना प्रमुख और वायु सेना प्रमुख भी सम्मेलन में नौसेना के शीर्ष कमांडरों के साथ तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बढ़ाने तथा संयुक्त संचालन के अनुकूल परिस्थितियों पर बातचीत करेंगे। नौसेना के कमांडरोन का सम्मेलन ऐसा मंच है जहां वरिष्ठ सैन्य अधिकारी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बल से संबंधित व्यापक मुद्दों पर विस्तार से विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।
सैन्य अधिकारी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ करेंगे बातचीत
थल सेना प्रमुख और वायु सेना प्रमुख भी सम्मेलन में नौसेना के शीर्ष कमांडरों के साथ तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बढ़ाने तथा संयुक्त संचालन के अनुकूल परिस्थितियों पर बातचीत करेंगे। नौसेना के कमांडरोन का सम्मेलन ऐसा मंच है जहां वरिष्ठ सैन्य अधिकारी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बल से संबंधित व्यापक मुद्दों पर विस्तार से विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।
रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण बदलती परिस्थितियों पर भी होगी चर्चा
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार वरिष्ठ कमांडरों के साथ पिछले छह महीनों के दौरान मुख्य संचालन अभियानों, सैन्य साजो सामान, जनशक्ति, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों से संबंधित विषयों की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा भविष्य की महत्वपूर्ण गतिविधियों से संबंधित योजनाओं और पहल पर भी विचार विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन में पड़ोसी देशों में सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर तथा रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण बदलती परिस्थितियों पर भी चर्चा होगी।
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार वरिष्ठ कमांडरों के साथ पिछले छह महीनों के दौरान मुख्य संचालन अभियानों, सैन्य साजो सामान, जनशक्ति, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों से संबंधित विषयों की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा भविष्य की महत्वपूर्ण गतिविधियों से संबंधित योजनाओं और पहल पर भी विचार विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन में पड़ोसी देशों में सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर तथा रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण बदलती परिस्थितियों पर भी चर्चा होगी।