भारतीय नौसेना का निशान (Indian Navy Ensign) बदल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय नौसेना के नए ध्वज का अनावरण किया। नौसेना के नए ध्वज से अंग्रेजों के जमाने का सेंट जॉर्ज क्रॉस हटा दिया गया है। इसके साथ ही देश को गुलामी की अंतिम मानसिकता के प्रतीक से छुटकारा मिल गया है।
नौसेना का नया ध्वज औपनिवेशिक अतीत से दूर है और भारतीय मैरिटाइम हैरिटेज से परिपूर्ण है। अभी तक नौसेना का निशान सफेद फ्लैग था, जिस पर क्रॉस ऑफ सेंट जॉर्ज बना हुआ था। अब इस रेड क्रॉस कि जगह इसके बीच में अशोक चिह्न बना था। ऊपर बाईं ओर तिरंगा लगा था।
पहले भी हुए हैं ध्वज में बदलाव
नौसेना के ध्वज को इसके पहले साल 2001 में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार के समय भी बदला गया था। जिसमें सफेद झंडे के बीच में जॉर्ज क्रॉस को हटाकर नौसेना का एंकर और ऊपरी बाएं कोने पर तिरंगे को बरकार रखा गया था। नौसेना के ध्वज में बदलाव की मांग लंबे समय से लंबित थी, जिसमें बदलाव के लिए मूल सुझाव वाइस एडमिरल वीईसी बारबोजा की ओर से आया था।
हालांकि 2004 में ध्वज या निशान में फिर से बदलाव किया गया। और ध्वज में फिर से रेड जॉर्ज क्रॉस को शामिल कर लिया गया। क्योंकि ऐसी शिकायतें थीं कि नीले रंग के के कारण निशान स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहा था। नए बदलाव में लाल जॉर्ज क्रॉस के बीच में अब राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ को शामिल किया गया। इसके बाद 2014 में एक और बदलाव कर देवनागरी भाषा में राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया।
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ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के अधिकतर देशों ने अब अपने नौसैना के निशान को बदल दिया है। इसमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका देश शामिल है। इन सभी देशों के ध्वज पर पहले ब्रिटिश झंडा लगा रहता था।