हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी के बीच भारत मजबूती के साथ तैयारी कर रहा है। बता दें भारत अपनी समुद्री क्षमता को बढ़ावा देने के लिए मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस मोरमुगाओ’ को आज भारतीय नौसेना को सौंप दिया जाएगा। भारतीय नौसेना के मुताबिक युद्धपोत कई नई तकनीक से बनाया गया है। ये मिसाइल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियों से लैस है।
मिसाइल को लेकर नौसेना ने बताया इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7,400 टन है। इसे भारत के निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जा सकता है। इस मिसाइल का नाम पश्चिमी तट पर स्थित ऐतिहासिक गोवा बंदरगाह शहर के नाम पर रखा गया है। इसे पहली बार 19 दिसंबर 2021 को समुद्र में उतारा गया था।
समुद्री क्षमता को बढ़ाने की दिशा में भारत
भारत क्षेत्र में चीन के बढ़तती कोशिशों को देखते हुए हिंद महासागर पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अपनी समुद्री क्षमता को बढ़ा रहा है। नौसेना ने बताया इस पोत की विशेषता है कि इसमें लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा पूर्ण रूप से स्वदेशी है। और इसे हमारे राष्ट्रीय लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत के तहत निर्मित किया गया है।