ब्रिटेन में भारतीय मूल की मंत्री प्रीति पटेल ने इजराइल की अपनी निजी यात्रा पर विवाद होने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सुश्री पटेल ने कल कहा,'उनसे जिन उच्च मानकों की उम्मीद की जाती है उनके कार्य उससे नीचे रहे हैं। इसलिए वह अपने पद से इस्तीफा देती हैं।'गौरतलब है कि गत अगस्त में 45 वर्षीया सुश्री पटेल निजी पारिवारिक छुट्टियों पर इजराइल गईं थीं और वहां प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू और अन्य इजरायली अधिकारियों से मुलाकात की थीं।
इस बात की जानकारी उन्होंने ब्रितानी सरकार या इजरायल में ब्रितानी दूतावास को नहीं दी थी। अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री सुश्री पटेल ने विवाद होने के बाद सोमवार को माफी मांग ली थी, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। इसके बाद उन्हें अफ्रीका दौरा बीच में छोड़कर अपने देश लौटना पड़ा।
सुश्री पटेल सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी की नेता हैं और पार्टी में उन्हें एक उभरते नेता के तौर पर देखा जाता है। वह सरकार में कई भूमिकाएं निभा चुकी हैं। गत वर्ष जून में सुश्री पटेल को इंटरनेशनल डेवलपमेंट (अतंरराष्ट्रीय विकास) मंत्री बनाया गया था। वह ब्रिटेन की विकासशील देशों को दी जाने वाली आर्थिक मदद का काम देखती थीं। यूरोपीय संघ की आलोचक सुश्री पटेल की कंजरवेटिव सरकार में अहम भूमिका थी।
उन्होंने समलैंगिक शादियों के खिलाफ मतदान किया था और धूम्रपान पर प्रतिबंध के खिलाफ भी अभियान चलाया था। हालांकि वह इजराइल की पुरानी समर्थक रही हैं। सुश्री पटेल 2010 में सांसद चुनी गई थीं। ब्रेग्जिट अभियान की प्रखर समर्थक सुश्री पटेल 2015 के आम चुनावों के बाद रोजगार मंत्री बनी थीं।लंदन में युगांडा से भागकर आए एक गुजराती परिवार में पैदा हुई सुश्री पटेल ने वैटफोर्ड ग्रामर स्कूल फॉर गर्ल्स में शिक्षा ली है।
उन्होंने उच्च शिक्षा कील और एसेक्स यूनिवर्सिटी से हासिल की है। उन्होंने कंत्ररवेटिव पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में नौकरी भी की है और वो 1995 से 1997 तक सर जेम्स गोल्डस्मिथ के नेतृत्व वाली रेफरेंडम पार्टी की प्रवक्ता रही हैं। रेफरेंडम पार्टी ब्रिटेन की यूरोपीय संघ विरोधी पार्टी थी।
ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर को अपना आदर्श नेता मानने वाली सुश्री पटेल श्री विलियम हेग के कंजरवेटिव पार्टी का नेता बनने के बाद पार्टी में लौट आई थीं और 1997 से 2000 तक डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी रहीं। वह 2005 में नॉटिंगघम सीट के लिए चुनाव हार गई थीं लेकिन 2010 में उन्होंने विटहैम सीट से चुनाव जीत लिया था।