भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सार्वभौमिक टीका विकसित करने का दावा किया है जोकि कोरोना वायरस के सभी स्वरूपों के खिलाफ प्रभावी हो सकता है। वायरस के नये स्वरूपों के कारण बढ़ते संक्रमण के मामलों की चिंता के बीच पश्चिम बंगाल में आसनसोल के काजी नजरुल विश्वविद्यालय और भुवनेश्वर स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) के वैज्ञानिकों एक ऐसा टीका विकसित किया है, जिसे लेकर उनका दावा है कि यह टीका भविष्य के किसी भी कोरोना वायरस के स्वरूप के खिलाफ प्रभावी रहेगा।
भारतीय वैज्ञानिकों ने की बेहद खास रिसर्च
वैज्ञानिकों के रिसर्च को जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर लिक्विड्स ने प्रकाशन के लिए स्वीकार किया गया है। रिसर्चरों ने कहा कि इस हमने ऐक ऐसे मल्टी-एपिटोप मल्टी-टारगेट काइमेरिक पेप्टाइड जो कोरोना वायरस के सभी छह मेंबर (hCoV-229E, hCoV-HKU1, hCoV-OC43, SARS-CoV, MERS-CoV) के खिलाफ एंटीबॉडी तैयार करने में सक्षम होगा।
कोरोना वायरस समेत वायरल के वायरस पर भी असरदार
शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन के दौरान ऐसे तरीके का उपयोग किया गया जोकि कोरोना वायरस समेत वायरल के लिए जिम्मेदार वायरस के सभी छह समूहों के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में सहायक रहेगा। काजी नजरुल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं अभिज्ञान चौधरी और सुप्रभात मुखर्जी के साथ ही आईआईएसईआर के पार्थ सारथी सेन गुप्ता, सरोज कुमार पांडा और मलय कुमार राणा ने कहा कि विकसित किया गया टीका बेहद स्थिर और रोग प्रतिरक्षाजनक पाया गया है।
चौधरी ने कहा कि शोधकर्ताओं के दल ने संगणक सिद्धांतों का उपयोग करके टीका विकसित किया है। उन्होंने कहा कि टीके के परीक्षण के बाद अगले चरण में इसके उत्पादन की तरफ कदम बढ़ाया जाएगा।