अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बुधवार को दोहराया कि भारत की अर्थव्यवस्था 2018 में दुनिया में सबसे तेजी से विकास करेगी। आईएमएफ ने 2018 में भारत की आर्थिक विकास 7.4 फीसदी और 2019 में 7.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। एशिया और प्रशांत क्षेत्र के आर्थिक विकास की संभावनाओं पर आईएमएफ की रपट के मुताबिक, भारत में नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर लागू होने के बाद अर्थव्यवस्था पर हुए क्षणिक असर के बाद सुधार का दौर जारी है।
रपट में कहा गया है कि मध्यावधि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई नियंत्रण में रह सकती है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित महंगाई दर चार फीसदी से दो फीसदी ज्यादा या कम के दायरे में रहेगी। हालांकि रपट में आईएमएफ ने कहा है, ‘भारत में महंगाई दर की सूरत में मौद्रिक नीति में सख्ती बरती जानी चाहिए।’ आईएमएफ ने कहा है कि 2017 में उपभोक्ता मूल्य में 3.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और 2018 व 2019 में इसके पांच फीसदी रहने का अनुमान है।
भारत के बाद बांग्लादेश को दक्षिण एशिया में दूसरा सबसे तेजी से आर्थिक विकास करने वाला देश बताया गया है, जहां की संवृद्धि दर 2018 और 2019 में सात फीसदी रह सकती है। इसके बाद श्रीलंका की आर्थिक संवृद्धि दर 2018 में चार फीसदी और 2019 में 4.5 फीसदी रहने की उम्मीद है। पाकिस्तान को मध्य-पूर्व के देशों के समूह में रखा गया है और इसे एशिया की रपट में शामिल नहीं किया गया है। कुल मिलाकर एशिया दुनिया में सबसे तीव्र आर्थिक विकास वाला क्षेत्र होने के साथ-साथ दुनिया की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में शुमार है।
वैश्विक विकास में 60 फीसदी योगदान इसी क्षेत्र का है, जिसमें भारत और चीन की हिस्सेदारी तीन-चौथाई है। चीन की आर्थिक संवृद्धि दर 2018 में 6.6 फीसदी और 2019 में 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है। रपट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वित्तीय प्रोत्साहन से एशिया के निर्यात व निवेश को सहारा मिलेगा। रपट के अनुसार, एशियाई क्षेत्र की विकास दर 2018 और 2019 में 5.6 फीसदी रह सकती है।
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