नयी दिल्ली : कांग्रेस ने पाकिस्तान द्वारा सीमा रेखा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं के कारण देश के सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की आए दिन जान जाने पर गहरी चिंता जताते हुए आज दावा किया कि भारत की सुरक्षा नीति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषणों तक सिमट गयी है। कांग्रेस प्रवक्ता प्रमोद तिवारी ने आज संवाददाताओं से कहा कि केन्द्र में भाजपा नीत राजग सरकार के आने के बाद से पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम की घटनाओं में 500 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि इस सरकार के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान द्वारा ऐसा कुल 2474 बार किया गया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने एक तरह से ‘ अघोषित छाया युद्ध’ छेड़ रखा है जिसके कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में भय का माहौल व्याप्त है। लोग अपने गांवों और घरों को छोड़कर भाग रहे हैं। स्कूल बंद कर दिये गये हैं। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि केन्द्र की मौजूदा सरकार के सत्ता में आने के बाद से इस प्रकार की घटनाओं में 340 सैनिक और 199 नागरिकों की जान जा चुकी है। तिवारी ने दावा किया, ‘‘भारत की सुरक्षा नीति प्रधानमंत्रीजी के भाषण तक रह गयी है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार की दिग्भ्रमित नीतियों के कारण देश से समझौता किया गया है। उन्होंने राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा ‘‘सर्जिकल स्ट्राइक’’ का जिक्र करने का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय सेना और सैनिकों का अपमान किया। यह कहना कि भारतीय सेना ने पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक किया है, बिल्कुल गलत है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले भी हमारी सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक किये किंतु उसे राजनीतिक भाषण का विषय नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में भारतीय सेना ने विश्व के नक्शे पर एक अलग ही देश बना दिया, क्या वह भारतीय सेना की बहादुरी और शौर्य नहीं था। इससे पहले शाह ने आज उच्च सदन में कहा कि जब हमारे 10 सैनिकों को मारा गया था तो सरकार 10 दिनों तक शांत रही। किंतु उसके बाद हमारे सैनिकों ने सीमा पार कर सर्जिकल स्ट्राइक किया और उस घटना का माकूल जवाब दिया। तिवारी ने उत्तर प्रदेश में मुठभेड़ की बढ़ती घटनाओं पर कहा कि वह अपराध को रोकने के लिए पुलिस बल के प्रयोग के खिलाफ नहीं हैं। किंतु बल प्रयोग केवल अपराधियों को पकड़ कर उन्हें कानून के हवाले करने अथवा सुरक्षाकर्मियों की आत्मरक्षा के लिए ही होनी चाहिए।
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