अटारी : पुलवामा आतंकी हमले के ठीक एक महीने बाद भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों ने करतारपुर साहिब गलियारे के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए गुरुवार को यहां अहम बैठक शुरू हो गई है। यह बैठक अटारी-वाघा सीमा पर भारत की तरफ हो रही है।
भारतीय की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय उच्च प्राधिकरण व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जबकि पाकिस्तान ने विदेश कार्यालय के दक्षिण एशिया महानिदेशक मोहम्मद फैसल की अगुवाई में 18 सदस्यीय दल भेजा है। फैसल विदेश कार्यालय के प्रवक्ता भी हैं। इस परियोजना पर दोनों देशों द्वारा सहमति जताने के तीन महीने बाद यह बैठक हो रही है। यह कॉरिडोर पाकिस्तानी शहर करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारतीय पंजाब के गुरदासपुर जिले से जोड़ेगा।
UPDATE :-
- करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों की बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में कॉरिडोर को शुरू करने और इसके तौर-तरीकों पर चर्चा की गई। 2 अप्रैल को फिर दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक वाघा में होगी इससे पहले 19 मार्च को समझौते को अंतिम रूप देने लिए मसौदा तैयार करने की बैठक होगी।
- भारत और पाक की ओर से जारी किए गए साझा बयान में कहा गया कि भारत-पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर को लेकर काफी उत्साहित हैं। इस कॉरिडोर को किस तरह शुरू किया जाएगा। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द इस कॉरिडोर का काम पूरा हो और सिख तीर्थयात्रियों को इसका लाभ मिल सके।
- बैठक से पहले पाकिस्तान कि तरफ से डेलिगेशन ने कहा कि हमको यकीन है कि पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान कि पहल से न केवल सिखों को, बल्कि मौजूदा स्थिति में संघर्ष से सहयोग, द्वेष से शांति और दुश्मनी से दोस्ती की तरफ दोनों देश आगे बढ़ेंगे।
- करतारपुर पर भारत और पाकिस्तान के बीच बैठक से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खालिस्तानी गोपाल सिंह चावला से मुलाकात की। गोपाल चावला, आतंकी हाफिज सईद का करीबी है और पाकिस्तान में रहकर भारत के खिलाफ अभियान चलाता है। वह पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) का जनरल सेक्रेटरी हैं।
पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद दोनों पक्षों के बीच बढ़े तनाव के बाद दोनों पक्षों के बीच पहली बार बैठक हो रही है।