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इंदौर ने फिर रचा इतिहास, लगातार 5वीं बार बना देश का सबसे स्वच्छ शहर

इंदौर को लगातार 5वीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर के खिताब से नवाजा गया है। वहीं गुजरात के सूरत शहर ने स्वच्छता में दूसरा और आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।

मध्य प्रदेश की क्लीन सिटी इंदौर ने सफाई के मामले में इतिहास रच दिया है। इंदौर को लगातार पांचवीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर के खिताब से नवाजा गया है। वहीं गुजरात के सूरत शहर ने स्वच्छता में दूसरा और आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही स्वच्छ राज्य के मामले में छत्तीसगढ़ पहले स्थान पर है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली के विज्ञान भवन में इंदौर को नंबर वन शहर, 12 करोड़ का सफाई मित्र और 5 स्टार रेटिंग का अवाॅर्ड दिया। इस मौके पर इंदौर की सफाई मित्र इंदिराबाई आदिवाल को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मंत्री भूपेंद्र सिंह, संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल, अपर आयुक्त संदीप सोनी और SE महेश शर्मा शामिल हुए।
इंदौर ने हासिल किया देश के पहले ‘‘वॉटर प्लस’’ शहर का खिताब
इंदौर को 2017 से लगातार सबसे स्वच्छ शहर के रूप में स्वच्छता मिशन के तहत पुरस्कार दिया जा रहा है। इस बार इंदौर को सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में सर्वश्रेष्ठ शहर घोषित किया गया है। गंदे पानी के प्रबंधन के सर्वश्रेष्ठ इंतजामों के चलते ही स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत इंदौर को देश के पहले ‘‘वॉटर प्लस’’ शहर के खिताब से अगस्त में नवाजा गया था।
स्वच्छ सर्वेक्षण के ‘‘वॉटर प्लस’’ प्रोटोकॉल के दिशा-निर्देशों के अनुसार आईएमसी ने कान्ह-सरस्वती नदी और शहर में बहने वाले 25 छोटे-बड़े नालों में छूटे हुए 1,746 सार्वजनिक आउटफॉल (गंदा पानी बहने के रास्ते जिनसे यह अपशिष्ट जल स्रोतों में मिलता है) और 5,624 घरेलू सीवरेज आउटफॉल रोककर नदी-नालों को गंदगी से मुक्त किया है।
कचरे से मोटी कमाई कर रहा है इंदौर 
इंदौर का शहरी निकाय सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) की अलग-अलग परियोजनाओं के जरिये कचरे से मोटी कमाई भी कर रहा है। निजी कम्पनियां शहर में गीले और सूखे कचरे के प्रसंस्करण से बायो-सीएनजी, कम्पोस्ट खाद तथा अन्य उत्पाद बना रही हैं और वे कचरा मुहैया कराने के बदले हर साल आईएमसी को प्रीमियम के तौर पर करीब आठ करोड़ रुपये अदा कर रही हैं।
रोज 1200 टन कचरे का होता हैं निपटारा 
शहर में डाइपर और सैनिटरी नैपकिन जैसे जैव अपशिष्टों समेत छह तरह के कचरे को अलग-अलग जमा करने के लिए इन गाड़ियों में विशेष कम्पार्टमेंट बनाए गए हैं। मोटे अनुमान के मुताबिक कोई 35 लाख की आबादी वाले इंदौर में हर रोज तकरीबन 1,200 टन कचरे का अलग-अलग तरीकों से सुरक्षित निपटारा किया जाता है जिसमें 600 टन गीला कचरा और 600 टन सूखा कचरा शामिल है।

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