देश के वाणिज्य एंव उघोग मंत्री पीयूष गोयल ने औपचारिक तौर से स्पष्ट किया है कि भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में तेजी से प्रगति हो रही है। दोनों देशों के बीच समझौते का मकसद द्विपक्षीय व्यापार तथा निवेश को गति देना
ब्रिटेन के साथ इस बारे में बातचीत तेजी से आगे बढ़ रही
गोयल ने कहा कि भारत ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ ‘रिकॉर्ड’ समय में व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये और अब ब्रिटेन के साथ इस बारे में बातचीत तेजी से आगे बढ़ रही है। इस प्रकार के समझौते में दो या दो से अधिक देश आपसी व्यापार में शामिल ज्यादातर वस्तुओं पर सीमा शुल्क में कमी लाते हैं या उसे समाप्त करते हैं। इसके अलावा वे वस्तुओं में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिये नियमों को उदार बनाते हैं।
भारत इसके साथ कनाडा, यूरोपीय संघ (ईयू) और इजराइल के साथ
भारत और ब्रिटेन ने जनवरी में मुक्त व्यापार समझौते पर औपचारिक बातचीत शुरू की थी। दोनों देशों ने इसे दिवाली तक निष्कर्ष पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
मंत्री ने व्यापारी उद्यमी सम्मेलन में कहा कि भारत इसके साथ कनाडा, यूरोपीय संघ (ईयू) और इजराइल के साथ भी इसी तरह के समझौते पर बातचीत कर रहा है। कई अन्य देशों ने भारत के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने कहा कि खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी), यूरेशियाई आर्थिक संघ (ईएईयू) और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) इन समझौतों पर बातचीत करना चाहते हैं।
गोयल ने कहा कि सरकार अनुपालन बोझ कम करने के लिये
मिली जानकारी के मुताबिक गोयल ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय के पास इतने संसाधन नहीं है कि वह एक साथ कई देशों से मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत करे। उन्होंने घरेलू कारोबारियों से उत्पादों की गुणवत्ता पर ध्यान देने और मिलकर काम करने को कहा। गोयल ने कहा कि सरकार अनुपालन बोझ कम करने के लिये कदम उठा रही है। अनुपालन बोझ कम करने के लिये करीब 30,000 नियमों को या तो सरल किया गया है या उन्हें समाप्त कर दिया गया है।