पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने केन्द्रीय बजट पेश होने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि बजट में किसानों के ऋण और बेरोजगारी के लिए कुछ भी नहीं है। श्री यादव ने कहा कि केवल सब्जबाग दिखाकर लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम किया जा रहा है। यह सरकार किसान विरोधी सरकार है और महंगाई गरीबी पर इस सरकार का कोई ध्यान नहीं है। वे आज चारा घोटाला मामले में रांची की विशेष सीबीआई कोर्ट में उपस्थित होने के बाद कोर्ट से निकलने के बाद बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे हवा-हवाई बताया और कहा कि बजट किसान विरोधी है।
राजद सुप्रीमो ने कहा कि देश में नौजवानों, बेरोजगारों की फौज है। महंगाई और गरीबी भी है। इस पर बजट में ध्यान नहीं दिया गया। मोदी ने कहा था कि किसानों का कर्जा माफ कर देंगे, किया कर्जा माफ नहीं किया। कहीं कोई ध्यान नहीं दिया गया। बजट की खानापूर्ति की गई। लालू यादव आज डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में पेश हुए थे। इस मामले में छविनाथ मिश्रा की गवाही दर्ज की गई। उधर, आज लोकसभा में पेश हुए केंद्रीय बजट पर तंज कसते हुए तेजस्वी यादव ने कहा है कि बजट में बिहार के लिए तो कुछ भी नहीं। बिहार को विशेष पैकैज और बिहार के विशेष राज्य के दर्जे पर कुछ भी नहीं मिला।
अब नीतीश कुमार जी बताएं कि क्या यही उनके लिए डबल इंजन है? नीतीश जी की वजह से बीजेपी की केंद्र सरकार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए लिखा है कि मोदी सरकार ने धरातल पर कुछ नहीं किया और ना ही कर रही है। सरकार सिर्फ कागजों और बातों के पकौड़े और जुमलों के बताशे उतार रही है। उन्होंने कहा कि बजट किसानों के लिए छलावा है।
गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1600 रुपये प्रति क्विंटल है लेकिन बाजार में समर्थन मूल्य पर कोई गेहूं खरीदने वाला नहीं है। मजबूरन किसान को 1300 में गेहूं बेचना पड़ता है किसका डेढ़ गुणा एमएसपी देने की बात है? वातानुकूलित केबिनों में बैठकर किसानों का भाग्य मत लिखिए। उन्होंने कहा कि किसानों की चिंता छोड़ मोदी सरकार वोटों की खेती में लीन है। भाजपा देश से किसानों को समाप्त करना चाहती है।
पूंजीपतियों का एनपीए 10 लाख करोड़ है लेकिन पूंजीपतियों की रखवाली मोदी सरकार 80 करोड़ किसानों का कुछ हजार करोड़ रुपये माफ नहीं कर सकती है। किसानों की इतनी ही चिंता है तो क्यों नहीं उनका कर्ज माफ कर देते आय तो उससे भी बढ़ जाएगी। राजनीतिक समीक्षक निरंजन कुमार ने केन्द्रीय बजट को 2019 की तैयारी बताते हुए कहा कि इसमें किसानों को डेढ़ गुणा लाभ बताया गया है जिसका लाभ किसान सीधा नहीं उठा पायेंगे। यह बजट चुनावी बजट है। परमेश्वर सिंह ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में पहली बार बजट पेश क रने के बाद प्रधानमंत्री ने बजट के पक्ष में प्रतिक्रिया दिया है। जबकि प्रतिपक्ष के लोग समय को ध्यान में नहीं रखा गया। यह बजट हवा-हवाई है।
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