कांग्रेस नेता उदित राज ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के संबंध में विवादास्पद बयान दिया। कांग्रेस नेता ने बुधवार को कहा कि जिस तरह से सर्वोच्च न्यायालय ने ईवीएम धांधली की शिकायतों और मतगणना के दिन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के साथ 100 फीसदी वीवीपैट पर्चियों के मिलान की याचिकाओं का निपटारा किया है, उस पर सवाल उठता है कि क्या न्यायालय भी इस धांधली में शामिल है?
उदित राज ने बुधवार को ट्वीट किया, “सुप्रीम कोर्ट कोर्ट क्यों नहीं चाहता की वीवीपैट की सारी पर्चियों को गिना जाए? क्या वो भी धांधली में शामिल है? चुनावी प्रक्रिया में जब लगभग तीन महीने से सारे सरकारी काम मंद पड़ा हुआ है तो गिनती में दो-तीन दिन लग जाएं तो क्या फर्क पड़ता है।”
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गौरतलब है कि 23 मई को मतगणना के दौरान वेरिफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) की पर्चियों का ईवीएम के साथ 100 फीसदी मिलान की मांग करने वाली जनहित याचिका को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। याचिका चेन्नई स्थित एक संगठन टेक फॉर ऑल ने दायर की थी। इससे पहले सात मई को शीर्ष अदालत ने 21 विपक्षी दलों द्वारा उसके अप्रैल के फैसले की समीक्षा करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया था।
इससे पहले आठ अप्रैल को प्रधान न्यायाधीश की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने चुनाव आयोग (ईसी) को आम चुनावों में प्रति विधानसभा क्षेत्र के पोलिंग बूथों पर पांच वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम से मिलान करने का निर्देश दिया था। अब तक सिर्फ एक वीवीपैट का मिलान होता रहा है। अदालत ने कहा था कि संख्या में वृद्धि से मतदाताओं के साथ-साथ राजनीतिक दलों को भी अधिक संतुष्टि मिलेगी।