यूएई में हुए ड्रोन हमले के बाद देश की खुफिया एजेंसियों ने पाया है कि पाकिस्तान चीनी ड्रोन खरीद रहा है, ताकि उनका इस्तेमाल देश में हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के लिए किया जा सके। सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) चीन से आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के लिए ड्रोन खरीद रही है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान सोमवार को अबू धाबी में हुए हमले की तरह भारत में भी ड्रोन हमलों को अंजाम दे सकता है, जिसमें दो भारतीय नागरिक मारे गए थे। महत्वपूर्ण इनपुट मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी चौकसी बढ़ा दी है और इस संबंध में विभिन्न राज्यों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बात की है। चूंकि गणतंत्र दिवस नजदीक है, इसलिए दिल्ली पुलिस को विशेष रूप से इनपुट के बारे में जानकारी दी गई है।
बारिश के दौरान भी संचालन में सक्षम हैं ड्रोन
एक सूत्र ने कहा, आईएसआई सोमवार को अबू धाबी में हुए हमले की तरह ड्रोन हमलों को अंजाम दे सकती है जिसमें दो भारतीय मारे गए थे। हमें संदेह है कि कुछ प्रसिद्ध हस्तियों को आईएसआई द्वारा समर्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा ड्रोन हमले से निशाना बनाया जा सकता है। सूत्र ने कहा, एक विश्वसनीय सूत्र से इनपुट प्राप्त हुए हैं। वे संकेत देते हैं कि आईएसआई ने चीन से बहुत परिष्कृत, अनुकूलित (कस्टमाइज्ड) ड्रोन खरीदे हैं, जो पानी प्रतिरोधी (वॉटर रेसिस्टेंट) हैं और बारिश के दौरान भी संचालन में सक्षम हैं। ये ड्रोन 800 मीटर एजीएल (वास्तविक जमीनी स्तर) और 15-20 किमी एक तरफ तक उड़ सकते हैं।
हाल ही में बीएसएफ ने मार गिराए थे ड्रोन
आगे यह भी पता चला है कि आईएसआई ने इन ड्रोनों को आतंकवादी समूहों (एलईटी और जेईएम) को देश में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी करके भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए प्रदान किया है। सूचना मिलने के बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सूचित कर दिया गया है। पंजाब में, बीएसएफ ने पहले कुछ ड्रोन देखे थे, जिनमें से कुछ को बल ने मार गिराया था। ड्रोन का इस्तेमाल पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स द्वारा हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के लिए किया जाता है। एजेंसियों ने अबू धाबी में ड्रोन हमले के बाद देश में इसी तरह के संभावित हमलों को लेकर राज्यों को विशेष रूप से सतर्क किया है।